Dharmashaala की सडक़ें अतिक्रमण ने कर दी बंद

Update: 2024-06-14 10:56 GMT
धर्मशाला। ये कैसी स्मार्ट सिटी धर्मशाला है, जो कि अंतरराष्ट्रीय खेल-पर्यटक नगरी संग इंटरनेशनल डेस्टिनेशन के रूप में पहचान रखती है, लेकिन हर पल बारूद के ढेर पर सवार है। धर्मशाला शहर में बड़े-बड़े कंकरीट के जंगल बना दिए गए हैं, लेकिन सडक़ें अतिक्रमण से बंद होने की कगार पर पहुंच गई है। ऐसे में अनस्मार्ट धर्मशाला की सच्चाई यह है कि कई महत्त्वपूर्ण स्थानों में फायर ब्रिगेड व एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती है। ऐसे में स्मार्ट शहर बनाए जाने के सभी दावे धर्मशाला में दम तोड़ते हुए हवा-हवाई होते हुए नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को आपदा-बरसात से निपटने को मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा, जबकि धरातल पर आपदाओं से निपटने की बजाय आपदाओं को न्योता देने वाली स्थिति बना दी गई है। ऐसे में हालात लगातार डरावने होते हुए नजर आ रहे हैं, जिससे सरकार, प्रशासन, एमसी धर्मशाला,
पीब्ल्यूडी, पुलिस विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों ने पूरी तरह से नजर घूमा ली है।

एमसी धर्मशाला में मौजूदा समय में बड़े-बड़े होटल-रेस्तरां के साथ-साथ बहुमंजिला इमारतों में स्कूल, एकेडमी व विभिन्न शैक्षणिक संस्थान चल रहे हैं, लेकिन हैरत की ही बात है कि कई स्थानों में एंबुलेंस और दमकल विभाग के वाहनों को किसी भी अनहोनी की स्थिति में पहुंचने को ही रास्ता नहीं है। स्मार्ट सिटी की कई गलियों में डिपो बाजार, झिकली बड़ोल, बड़ोल, दाड़ी की गलियों सहित नगर निगम के सभी 17 वार्डों में क्षेत्रों को जोडऩे वाली वाहन योग्य मार्गों को लोगों ने अतिक्रमण से सिकौडक़र तंग पगडंडियों में तबदील कर दिया है, जिसमें दोपहिया वाहन चालक तो किसी हाल में निकल जाते हैं, लेकिन छोटे चौपहिया वाहन चालकों के लिए गुजरना लगातार आफत बना हुआ है। ऐसी गलियों में लोगों ने अपनी चारदिवारियों को सडक़ों ऊपर ही चढ़ा दिया है, जिससे सडक़ें अति संकरी होकर रह गई है, जबकि विदेशों सहित स्मार्ट तरीके से बसाए जाने वाले शहरों की गलियों में एम्बुलैंस व फायर ब्रिगेड पहुंचने का रास्ता रखा जाता है, जिससे किसी भी आपदा के समय स्थिति को संभाला जा सकें
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