देवेंद्र फडणवीस से 2 घंटे हुई पूछताछ, पूर्व सीएम बोले- गुनहगार के जैसे पूछे गए सवाल, पुणे-नागपुर में BJP का विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली: ट्रांसफर पोस्टिंग मामले में मुंबई की साइबर पुलिस की एक टीम महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के घर से रवाना हो चुकी है. टीम ने उनके आवास पर दो घंटे तक पूछताछ की है. पूछताछ के तुरंत बाद देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए कई अहम बातें कही हैं. उन्होंने कहा कि मुझसे आज आरोपियों की तरह सवाल किए गए, न कि गवाह के तौर पर.
फडणवीस बोले मुझे पहले जो प्रश्नावली भेजी गई थी और आज मुझसे जो सवाल पूछे गए, उसमे जमीन आसमान का फर्क है. आज के सवाल-जवाब से लग रहा था कि जैसे मैंने कोई गुनाह किया हो. जिस घोटाले को सरकार दबा रही थी, उस सरकार को सबूत देकर क्या फायदा होता. उन्होंने कहा कि 30 मई 2021 में महाराष्ट्र के तबादला घोटाले के सबूत मैने केंद्रीय गृह सचिव को दिए, इस पर मुंबई पुलिस ने मेरे खिलाफ सीक्रेट ऐक्ट के उलंघन के तौर पर दर्ज किया. मुझे लगता है कि मैं विधानसभा में जो मुद्दे उठा रहा हूं. इस वजह से मुझ पर पुलिस दबाव बनाना चाहती है.
फडणवीस बोले मैं तो विसलब्लोअर हूं, मैंने सरकार में चल रहे घोटाले को उजागर किया है. मेरे ऊपर विसलब्लोअर सेफ्टी एक्ट लगना चाहिए. राज्य के आला अधिकारियों के तबादले की जानकारी थी, उसके लिए केंद्रीय गृह सचिव सही आदमी थे. यही वजह थी कि मैंने दस्तावेज दिए. सीक्रेट एक्ट का उलंघन नवाब मलिक ने किया है. फडणवीस ने कहा कि जिस तरह से मैंने राज्य सरकार के घोटाले और इनके मंत्रियों के अंडरवर्ल्ड से रिश्तों का खुलासा किया, इसलिए सरकार मुझे इस तरह के नोटिस और पूछताछ के जरिए डराने की कोशिश कर रही है, लेकिन मैं डरनेवाला नहीं हूं.
फडणवीस ने कहा कि मैं पूछताछ के लिए जाने के लिए तैयार था, लेकिन पुलिस की तरफ से ही मुझे शाम को कहां गया कि मैं पुलिस स्टेशन नही आऊं, पुलिस बयान लेने मेरे घर आएगी. कल मुझे अचानक नोटिस भी दिया गया कि बीकेसी में मैं हाजिर रहूं. फडणवीस बोले राज्य में जो ट्रांसफर का घोटाला हुआ उसकी जानकारी मैंने केंद्रीय गृह सचिव को दी, जिस पर उच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. वहीं राज्य सरकार ने इस मामले की जांच 6 महीने तक शुरू नहीं की.
फडणवीस ने ये भी कहा कि कल मुम्बई के बीकेसी पुलिस स्ट्रेशन में पूछताछ के बुलाया गया था, उसपर मैन कहा मैं आऊंगा, लेकिन उन्होंने कहा हमारी टीम आपके बंगले पर आएगी. इस मामले में वलसे पाटिल ने सीक्रेट एक्ट के उलंघन का आरोप लगाया था, लेकिन इस मामले में जो मैंने सबूत दिए उसकी जांच नही की गई. मेरे ऊपर विसलब्लोअर सेफ्टी एक्ट लगता है, क्योंकि मैंने महाघोटाले का खुलासा किया है. राज्य सरकार में जो घोटाला है, उसके सबूत मैं राज्य सरकार को क्यों देता. मैंने कोई भी गोपनीय दस्तावेज को पब्लिक डोमेन में नही दिया, लेकिन नवाब मलिक ने पीसी में गोपनीय दस्तावेज मीडिया में उजागर कर दिए, उनपर कार्रवाई क्यों नही हुई?