80 साल बाद राजदेवता माधोराय के दरबार पहुंचे देव बरनाग

Update: 2024-08-22 10:06 GMT
Market. मंडी। रियासत कालीन मंडी शिवरात्रि की जलेब में राजदेवता माधोराय की पालकी के साथ चलने वाले स्नोरघाटी के देवता देव बरनाग बुधवार को 80 साल बाद मंडी पहुंचे। राजदेवता माधोराय के दरबार में हाजरी लगाकर देवता ने राजदेवता के सामने शीश नवाया। इससे पूर्व देवता बरनाग अपने भंडार ज्वालापुर से सैकड़ों देवलुओं, बजंतरियों के साथ ढोल, नगाड़ों, करनाल, रणसिंगों और शहनाई के समवेत स्वरों पर झूमते हुए देव बरनाग का रथ चांदी की छड़ों, सूरज पंखों और छतरियों के साथ मंडी शहर में पहुंचा तो ऐसा आभास हुआ मानों एक बार फिर मंडी नगर में माधोराय की जलेब निकली हो। 80 साल बाद राजदेवता माधोराय मंदिर के प्रांगण में देव बरनाग के रथ ने प्रवेश किया। इस दौरान लोगों की भारी भीड़ के बीच सर्व देवता सेवा समिति के पदाधिकारियों ने अध्यक्ष शिवपाल शर्मा की अगुवाई में देवता का स्वागत किया। देव बरनाग जो रियासत काल में मंडी शिवरात्रि मेलों में अपनी प्रमुख भूमिका निभाते हुए देव चंडेहिया के साथ माधोराय की पालकी के साथ चलते थे। मगर धूर विवाद के चलते दोनों ही देवता अब मंडी शिवरात्रि मेलों में शिरकत नहीं करते हैं। देव बरनाग सन्याहरड वार्ड में निजी आमंत्रण पर देवता पधारे हैं। देव बरनाग के मुख्य कारदार पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर ने बताया कि आजादी के बाद यह पहला मौका है, जब देवता मंडी शहर में किसी श्रद्धालु के
निजी निमंत्रण पर आए हैं।

मंडी रियासत कालीन मंडी शिवरात्रि की जलेब में राजदेवता माधोराय की पालकी के साथ चलने वाले स्नोरघाटी के देवता देव बरनाग बुधवार को 80 साल बाद मंडी पहुंचे। राजदेवता माधोराय के दरबार में हाजरी लगाकर देवता ने राजदेवता के सामने शीश नवाया। इससे पूर्व देवता बरनाग अपने भंडार ज्वालापुर से सैकड़ों देवलुओं, बजंतरियों के साथ ढोल, नगाड़ों, करनाल, रणसिंगों और शहनाई के समवेत स्वरों पर झूमते हुए देव बरनाग का रथ चांदी की छड़ों, सूरज पंखों और छतरियों के साथ मंडी शहर में पहुंचा तो ऐसा आभास हुआ मानों एक बार फिर मंडी नगर में माधोराय की जलेब निकली हो। 80 साल बाद राजदेवता माधोराय मंदिर के प्रांगण में देव बरनाग के रथ ने प्रवेश किया। इस दौरान लोगों की भारी भीड़ के बीच सर्व देवता सेवा समिति के पदाधिकारियों ने अध्यक्ष शिवपाल शर्मा की अगुवाई में देवता का स्वागत किया। देव बरनाग जो रियासत काल में मंडी शिवरात्रि मेलों में अपनी प्रमुख भूमिका निभाते हुए देव चंडेहिया के साथ माधोराय की पालकी के साथ चलते थे। मगर धूर विवाद के चलते दोनों ही देवता अब मंडी शिवरात्रि मेलों में शिरकत नहीं करते हैं। देव बरनाग सन्याहरड वार्ड में निजी आमंत्रण पर देवता पधारे हैं। देव बरनाग के मुख्य कारदार पूर्व विधायक जवाहर ठाकुर ने बताया कि आजादी के बाद यह पहला मौका है, जब देवता मंडी शहर में किसी श्रद्धालु के निजी निमंत्रण पर आए हैं।
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