HP में मलां का बीएसएफ जवान पंचतत्व में विलीन

Update: 2024-08-22 12:19 GMT
Nagrota Bagwan. नगरोटा बगवां। सीमा सुरक्षा बल में अपनी सेवाओं के दौरान बीमारी की चपेट में आए मलां के 40 वर्षीय मुख्य आरक्षी राजेंद्र कुमार को बुधवार पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। बीएसएफ की टुकड़ी ने अपने जवान को तोपों की सलामी के साथ विदा किया तथा समस्त गांववासियों ने अपने लाडले की अंतिम यात्रा में भाग लिया । बुधवार को श्रीचामुंडाजी नंदिकेश्वर धाम स्थित श्मशानघाट पर जवान का अंतिम संस्कार संपन्न हुआ, जहां 14 वर्षीय बेटे
अर्पित ने पिता की चिता
को मुखाग्नि दी। 116वीं वाहिनी पंजाब के जालंधर में सेवारत उक्त जवान चंडीगढ़ में उपचाराधीन था, जहां मंगलवार को उसके निधन की खबर पैतृक गांव मलां पहुंची। बनोई स्थित बीएसएफ की 24 वीं वाहिनी के द्वित्तीय कमान अधिकरियों व जवानों की सुरक्षा में जवान की पार्थिव देह बुधवार प्रात: मलां पहुंची, जहां बड़ी संख्या के लोगों ने श्रद्धांजलि दी। जानकारी के मुताबिक मृतक सैनिक वर्ष 2000 में सीमा सुरक्षा बल में भर्ती हुआ था तथा मात्र 24 साल की सेवाओं के बाद दुनिया से रुखसत हो गया। जवान अपने पीछे 14 वर्षीय बेटा अर्पित, नौ वर्षीय बेटी शानवी, पत्नी सुनीता तथा बुजुर्ग मां बाप छोड़ गया।
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