प्रयागराज: सिराथू विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी और प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य नामांकन दाखिल कर दिया है। कलेक्ट्रेट में पहुंच कर उन्होंने नामांकन दाखिल किया। उनके साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। इसके अलावा उनके नामांकन में बड़े नेताओं का जमावड़ा रहा। केंद्रीय मंत्री और यूपी प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान भी उनके नामांकन के लिए प्रयागराज पहुंचे हैं।
सिराथू विधानसभा सीट केशव प्रसाद मौर्य की कर्मभूमि रही है। पहली बार वे वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में यहीं से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे। उनका इस सीट पर मजबूत पकड़ माना जाता है। हालांकि, उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी ने अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल की बहन पल्लवी पटेल को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस की ओर से सीमा देवी उम्मीदवार हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मुकाबला कड़ा होगा।
सिराथू विधानसभा सीट पर केशव मौर्य के नामांकन के लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। डिप्टी सीएम केशव मौर्य के नामांकन को पूरी तरह से हाई प्रोफाइल बना दिया गया है। जगह जगह पर लोग केशव मौर्य का स्वागत कर रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल समेत तमाम बड़े चेहरे सिराथू पहुंचे हैं। केशव मौर्य नामांकन से पहले एक रोड शो भी करेंगे। इसके बाद वो नामांकन करेंगे। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
नामांकन दाखिल करने से पहले केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं सिराथू का बेटा हूं, सिराथू मेरा है, कोई भी चुनाव लडे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। अखिलेश और शिवपाल के सामने कांग्रेस ने उम्मीदवार नहीं उतारा है क्योंकि सपा बसपा और कांग्रेस ये सब एक हैं इसीलिए प्रत्याशी नहीं उतारा। इस बार के चुनाव में किसी के पास कोई मुद्दा नहीं है, सब बिना मुद्दों के बात कर रहे हैं, सिर्फ बीजेपी है जो विकास, बिजली, पानी और सड़क जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ रही है।
सिराथू सीट से सपा ने सिर्फ केवल 2014 के उप चुनाव में जीत दर्ज कर पाई थी। केशव प्रसाद मौर्य ने फूलपुर से सांसद चुने जाने के बाद सिराथू के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इस वजह से उपचुनाव कराया गया। साल 1993 से लेकर साल 2007 तक यह क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था। उस समय बीएसपी के उम्मीदवार ही जीते थे। साल 2012 में सामान्य होने के बाद केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी के टिकट पर जीते। यह उनकी पहली जीत थी। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और आगे बढ़ते चले गए।