दूसरे मंत्रियों को सौंपे जाएंगे विभाग, जेल में बंद मंत्री नवाब मलिक से नहीं लिया जाएगा इस्तीफा
मुंबई: एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. ईडी द्वारा धनशोधन मामले में गिरफ्तार नवाब मलिक की रिहाई की याचिका को बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. वहीं अब उनकी पार्टी एनसीपी ने उनके मंत्रालय का प्रभार उनके रिहा होने तक अस्थाई रूप से किसी दूसरे मंत्री को सौंपने का निर्णय ले लिया है.
इस बारे में जानकारी देते हुये जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने गुरुवार को मीडिया से यह बात कही है. पाटिल एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष भी हैं ने कहा कि पार्टी के फैसले से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अवगत कराया जाएगा और वही इस मामले में अंतिम निर्णय लेंगे.
गौरतलब है बॉम्बे हाईकोर्ट ने मलिक की अंतरिम राहत देने की याचिका को खारिज कर दिया था. मलिक ने याचिका में ईडी की ओर से उन पर की गई कार्रवाई को गैर-कानूनी बताते हुये उनको जमानत दिये जाने की बात कही थी.
यह मामला अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के परिवार से जमीन खरीदने से जुड़ा है. इस मामले में जांच एजेंसी ने मनी लॉड्रिंग का आरोप लगाया है. इस मामले में ईडी ने नवाब मलिक को 23 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था.
जांच एजेंसी ने उनपर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराधों में शामिल बताया था. गिरफ्तारी के बाद ईडी ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. हिरासत की अवधि पूरी होने के बाद मुंबई की एक अदालत ने उन्हें 7 मार्च को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
नवाब मलिक पर आरोप है कि उन्होंने अंडरवर्लड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर से कुर्ला स्थित गोवा वाले कंपाउंड की 3 एकड़ की जमीन को खरीदा था. इसके लिए उन्होंने सिर्फ 55 लाख रुपए दिए थे. जांच एजेंसी का कहना है कि जमीन की मौजूदा कीमत करीब 300 करोड़ रुपए है.