कर्नाटक में मंत्री के एस ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने की मांग

Update: 2022-02-20 09:49 GMT

कर्नाटक। कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस का पिछले तीन दिनों से विधानसभा (Karnataka Assembly) के भीतर प्रदर्शन जारी है. वह राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा (S Eshwarappa) के राष्ट्र ध्वज पर कथित बयान के लिए उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर रही है. कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा कक्ष के भीतर विधान सौध में डेरा डाला हुआ है और वे रात में भी वहीं सो रहे हैं. कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा, ''भारतीय जनता पार्टी के अड़ियल रुख के कारण प्रदर्शन हो रहा है. ईश्वरप्पा के इस्तीफे की मांग कौन कर रहा है? कोई भी नहीं. हम उनकी बर्खास्तगी चाहते हैं. राज्यपाल थावरचंद गहलोत से भी हमारी अपील है कि उन्हें बर्खास्त किया जाए.''

उन्होंने विश्वास जताया कि मंत्री को अगले दो दिनों में पद से बर्खास्त किया जाएगा. शिवकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर उनकी ही पार्टी के भीतर से दबाव है. उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री का आत्मसम्मान होता तो वह ''बदजबान'' ईश्वरप्पा को तभी सरकार से निकाल देते, जब उन्होंने कहा था कि मध्यम एवं विशाल उद्योग मंत्री मुरुगेश निरानी अगले मुख्यमंत्री बनेंगे.'' बहरहाल, मुख्यमंत्री ने शनिवार को कहा था कि कांग्रेस विपक्षी दल होने की नैतिकता खो चुकी है. कांग्रेस के प्रदर्शन पर बोम्मई ने कहा था कि वे सत्ता में आने या विपक्ष में बैठने की नैतिकता खो चुके हैं. शिवकुमार के एक करीबी सूत्र ने कहा, ''डी के शिवकुमार और अन्य कांग्रेस नेता कुछ देर के लिए घर गए और फिर वापस आए. आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक ईश्वरप्पा को बर्खास्त नहीं कर दिया जाता या मौजूदा विधानसभा सत्र खत्म नहीं हो जाता.'' सूत्र ने बताया कि विधायक रात में विधानसभा के भीतर ही सो रहे हैं, सुबह होने पर वे विधान सौध में ही योग और सैर करते हैं.

विधानसभा के बाहर गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में विपक्ष के नेता सिद्दरमैया ने भारतीय जनता पार्टी और संघ परिवार पर राष्ट्र ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि कांग्रेस ने इस मुद्दे को ''तार्किक अंत'' तक ले जाने के लिए ''दिन और रात'' प्रदर्शन करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल को हस्तक्षेप करना चाहिए और ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने का निर्देश देना चाहिए क्योंकि उनकी ''टिप्पणियां राजद्रोह वाली'' हैं.


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