दिल्ली दंगा: हाईकोर्ट ने पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन को दी जमानत, लेकिन जेल में ही रहेंगे

Update: 2023-07-12 07:38 GMT
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को साल 2020 के दंगों में कथित संलिप्तता के लिए पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन को पांच मामलों में जमानत दे दी। लेकिन वो जेल में ही रहेंगे। 24 फरवरी, 2020 को नागरिकता कानून के कारण उत्तरपूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे हुए थे।
हुसैन ने दंगों में कथित संलिप्तता के लिए अपने खिलाफ दर्ज दो प्राथमिकियों को खारिज करने की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका डाली थी। पहली एफआईआर दंगे के आरोप से संबंधित है, जबकि दूसरी में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) शामिल है। हुसैन की याचिका के अनुसार, दोनों एफआईआर में 25 फरवरी, 2020 को शाम 4 से 5 बजे के बीच दंगे का आरोप लगाया गया है। इसमें हुसैन की संलिप्तता और पेट्रोल बम रखने के लिए छत का उपयोग करने का आरोप है।
28 फरवरी, 2020 को दर्ज की गई एक एफआईआर दुकानों को जलाने को लेकर है, जबकि 26 फरवरी, 2020 को दायर की गई दूसरी एफआईआर चांद बाग पुलिया क्षेत्र के आसपास इंटेलिजेंस ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या से संबंधित है। एफआईआर के अलावा, उन पर कार्यकर्ता शरजील इमाम और उमर खालिद के साथ दंगों के पीछे "बड़ी साजिश" में शामिल होने का भी आरोप है।
यह मामला गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत अपराधों से संबंधित है और हुसैन इन आरोपों के साथ एफआईआर के लिए न्यायिक हिरासत में ही रहेंगे। सुनवाई के दौरान जस्टिस अनीश दयाल ने कहा, "सभी 5 एफआईआर में शर्तों के अधीन जमानत दी गई।"
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