नई दिल्ली (आईएएनएस)| देर से चल रही 756 परियोजनाओं में से 132 या 17.4 प्रतिशत परियोजनाएं निर्धारित समय से पांच साल या उससे अधिक पीछे चल रही हैं। भूमि अधिग्रहण और वन मंजूरी में देरी, बुनियादी ढांचे के समर्थन और लिंकेज की कमी, प्रोजेक्ट फाइनेसिंग के लिए टाई-अप में देरी, यह सभी इन परियोजनाओं के समय से पीछे चलने के कुछ कारण हैं।
756 देर से चलने वाली परियोजनाओं में से 144 प्रोजेक्ट्स कुल मिलाकर एक से 12 महीने की देरी पर चल रही हैं। वहीं 117 प्रोजेक्ट्स में 13 से 24 महीने की देरी है। इसके अलावा, 363 प्रोजेक्ट्स में 25-60 महीने की देरी हुई है, जबकि 132 प्रोजेक्ट्स में 61 महीने और उससे अधिक की देरी हुई है।
इसके अलावा, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के नवंबर 2022 के महीने के लिए जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 150 करोड़ रुपये और उससे अधिक की 364 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, 4.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक की लागत से प्रभावित हुई हैं।
इसमें आगे कहा कि 1,476 परियोजनाओं में से 364 की लागत अधिक होने की सूचना है और 756 परियोजनाओं में देरी हुई है।