राहुल गांधी की याचिका पर 20 अप्रैल को आएगा फैसला

Update: 2023-04-13 11:48 GMT

दिल्ली। मोदी उपमान को लेकर विवादित बयान की वजह से आपराधिक मानहानि के दोषी करार दिए गए राहुल गांधी की याचिका पर सेशंस कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। कई घंटों तक दोनों ओर से दलीलों को सुनने के बाद जज ने आगे की सुनवाई के लिए 20 अप्रैल की तारीख तय की है। माना जा रहा है कि उस दिन कुछ फैसला आ सकता है। सीजेएम कोर्ट के फैसले को राहुल गांधी ने 3 अप्रैल को सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी और अपनी दोषसिद्धि पर रोक की मांग की है।

राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील आरएस चीमा ने दलीलें पेश कीं। चीमा ने कहा कि स्पष्ट रूप से मामले की मेरिट पर विचार करने की आवश्यकता है। एक फैसले को पढ़ते हुए वे कहते हैं, 'शक्ति एक अपवाद है लेकिन अदालत को सजा के परिणामों पर विचार करना चाहिए।' उन्होंने कहा कि न्यायालय को इस बात पर विचार करना है कि क्या दोषी को अपूर्णीय क्षति होगी। उन्होंने सजा की वजह से राहुल गांधी की सदस्यता छिन जाने का हवाला देते हुए स्टे की मांग की और सुप्रीम कोर्ट की कुछ टिप्पणियों का हवाला दिया।

चीमा ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने 2019 में केरल की वायनाड सीट से 4,31070 वोट के मार्जिन से जीत हासिल की थी लेकिन अब उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाषण की भी जांच करनी होगी और यह भी देखना चाहिए कि शिकायतकर्ता पीड़ित व्यक्ति है या नहीं। कानून के मुताबिक पीड़ित व्यक्ति ही शिकायत कर सकता है। चीमा ने एक गवाह का बयान पढ़ते हुए कहा कि मोदी जाति नहीं है, बल्कि गोसाई जाति है। गोसाई जाति के लोगों को मोदी कहा जाता है।


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