सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस: महिला ने हाथ से खाना खाने की कोशिश की, सामने आ गया कैमरा, उसके बाद जो हुआ...देखें वीडियो
भारतीय शादियों में अक्सर कुछ ना कुछ मजेदार नजारा देखने को मिल जाता है. इन दिनों एक शादी का ऐसा ही वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक महिला हाथ से खाना खाने जा रही थे कि अचानक वहां पर कैमरा पहुंच जाता है. इसके बाद फिर उस महिला ने जो किया वो न केवल वायरल हो गया बल्कि उसने सोशल मीडिया पर एक नई बहस को जन्म दे दिया है.
दरअसल, यह वीडियो इंस्टाग्राम पर निरंजन नामक यूजर ने शेयर किया है. वीडियो में दिख रहा है कि शादी में खाने के पंडाल पर महिला अपना खाना शुरू करने वाली थी. महिला ने जैसे ही अपने मुंह में निवाला डालने की कोशिश की, वह अपने पास कैमरे को देख लेती है, जिसके बाद वह हाथ से खाना छोड़ देती है.
महिला अपने हाथ में उठाए हुए खाने को वापस प्लेट में रख देती है और उसे चम्मच से उठाकर खाने लगती है. इस दौरान कैमरा देखकर महिला मजेदार रिएक्शन भी देती है. इस पूरी घटना को किसी ने कैमरे में कैद कर लिया और यह वीडियो अब वायरल हो रहा है.
यह महिला शादी में सज-धजकर पहुंची थी और काफी गहने भी पहने हुए थी. खाते समय ही वो कैमरे को दिखाते हुए पापड़ भी खाने लगती है. वीडियो में महिला के पीछे भी कुछ लोग नजर आ रहे हैं, वे कुर्सी पर बैठे हुए हैं और आपस में बातचीत कर रहे हैं.
इस वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया यूजर्स इस पर प्रतिक्रिया देने लगे. कुछ का कहना है कि कैमरामैन को उस महिला को चैन से खाने देना चाहिए था, कुछ ने यह भी कहा कि महिला को कोई शर्म नहीं करनी चाहिए था और बेझिझक हाथ से खाना जारी रखना चाहिए था.
हाथ से खाना शर्मनाक नहीं!
वीडियो को देखकर एक यूजर ने यह भी कमेंट किया कि हाथ से खाने की प्रथा को शर्मनाक क्यों माना जाता है. दरअसल, यह बात सही है कि इस पर चर्चा होनी चाहिए कि शादियों में या अन्य पार्टियों में हाथ से खाना कोई शर्मनाक बात नहीं है. हाथ से खाते समय बस कुछ बहुत जरूरी बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए, जिससे वह नुकसानदायक ना हो.
कुछ वर्ष पहले सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने हाथ से खाने और कांटे या चम्मच से खाने के बारे में कई चीजों को स्पष्ट किया था. खाना खाने के लिए हाथों का इस्तेमाल क्यों करना चाहिए और क्या ये चम्मच से खाने से बेहतर हो सकता है, इस बारे में अमेरिकी फिजिशियन मार्क हाइमन ने सद्गुरु से बातचीत की थी. सद्गुरु की आधिकारिक वेबसाइट पर इस बातचीत का जिक्र किया गया है.
सद्गुरु का कहना था कि आपके हाथों की सफाई पूरी तरह से आपके हाथ में है, हो सकता है कि चम्मच या कांटे की सफाई आपके हाथ में न हो. आपके हाथों का इस्तेमाल आपके अलावा किसी और ने नहीं किया है. चम्मच को आमतौर पर टिश्यू पेपर से पोंछ दिया जाता है और यह साफ लगने लगता है जबकि आप अपने हाथ को खुद अच्छे से साफ कर सकते हैं.
उन्होंने यह भी कहा था कि अगर थाली में कोई खाने की चीज आती है तो उसे चखेे बिना कैसे महसूस किया जा सकता है कि क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए. सबसे पहले हाथ ही जान पाएंगे कि भोजन कैसा है. इसलिए खाने से पहले उस भोजन को जानना जरूरी है, जो आपके शरीर का हिस्सा बनने जा रहा है.
सद्गुरु ने तो यहां तक कहा था की आप अपनी जेब में कांटे के रूप में जो उपकरण लेकर घूमते हैं, वह एक तरह का अपराध है. अगर आप भोजन का स्पर्श नहीं करेंगे तो आपको पता ही नहीं चलेगा कि वह है क्या. अगर भोजन स्पर्श करने योग्य भी नहीं है तो फिर यह खाने योग्य कैसे हो सकता है.