Rohru. रोहड़ू। शिमला के उपमंडल रोहडू की स्पैल वैली के दलगांव में 39 साल बाद आयोजित हुए ऐतिहासिक भुंडा महायज्ञ का समापन रविवार को उछड़-पाछड़ के साथ हुआ। उछड़-पाछड़ के अवसर पर सभी मेहमान देवता, जिनमें समरैई क्षेत्र के महेश्वर देवता, मंडलगढ़ क्षेत्र के बौंद्रा देवता, रंटाडी के मोहरिष (महर्षि) देवता, मेहमान परशुराम, छौहारा क्षेत्र के गुम्मा, अंध्रेवठी व स्पैल वैली के खशकंडी ने मेजबान देवता बकरालू महाराज से देव मिलन कर अपने-अपने घर को विदा हुए। इस अवसर पर दलगांव में बकरालू देवता महाराज के प्रांगण में मंडप लिखा गया था। ब्राह्मणों के मंत्रोचारण व विधि विधान के साथ मंडप लिखने की प्रक्रिया पूरी की गई। दोपहर बाद सभी मेहमान देवता व परशुराम ऐतिहासिक दलगांव में अपने-अपने ढेरों से देवलुओं के साथ नृत्य करते हुए मंदिर प्रांगण तक पहुंचे। इसके बाद मंदिर प्रांगण में धूड़ पीटने की अंतिम रस्म पूरी की गई और मेजबान देवता बकरालू महाराज के साथ मिलन कर सभी देवता, परशुराम व हजारों देवलू अपने-अपने घर के लिए विदा हो गए।