CRIME NEWS: फर्जी आर्मी ऑफिसर ने की लाखों की ठगी, आरोपी गिरफ्तार

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Update: 2024-08-06 18:11 GMT
Rajasthan. राजस्थान। राजस्थान में ठग अब ठगी के नए-नए तरीके तलाश रहे हैं। भरतपुर में ऐसे ही दो मामले सामने आए हैं। पहले मामले में ठग ने बीएसएफ अधिकारी बनकर साइबर ठगों को ही ठग लिया। वहीं दूसरे में महिलाओं को प्रेग्नेंट करने का झांसा देकर नाबालिग ने लोगों से ठगी की। पुलिस ने मामले में नाबालिग को डिटेन किया है, वहीं अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। भरतपुर रेंज आईजी राहुल प्रकाश ने बताया- डीग जिले में लगातार ऑपरेशन एंटी वायरस के तहत कार्रवाई की जा रही है। पुलिस की कार्रवाई के कारण साइबर ठग डरे हुए हैं। वे दिनों-दिन ठगी के नए तरीके भी तलाश रहे है। इसमें सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है।

उन्होंने बताया- भरतपुर रेंज की स्पेशल टीम ने एक ऐसी गैंग को भी पकड़ा है, जो BSF का अधिकारी बनकर साइबर ठगों से ठगी करती थी। आईजी ने बताया- एक व्यक्ति फरीद निवासी अलवर ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर आर्मी की वर्दी पहनकर फोटो लगाए हुए हैं। वह साइबर ठगों से बीएसएफ की स्पेशल टीम का इंचार्ज बताकर संपर्क कर रहा था। आरोपी साइबर ठगों से कहता था, उनके मकान नहीं टूटेंगे। साथ ही पुलिस कार्रवाई से उनका नाम निकाल दिया जाएगा। इस तरह का झांसा देकर उनसे पैसे लेने की कोशिश कर रहा था। पता लगने के बाद आरोपी की कॉल रिकॉर्डिंग की गई। शिकायतों के आधार पर इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इसके दो साथी तौफीक और अलीशेर को भी पकड़ा गया। ये दोनों भी अलवर के रहने वाले हैं।

आईजी ने बताया- फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया पर नाबालिग की ओर से पोस्ट की जा रही थी। इसमें पुरुषों को युवती के जरिए फंसाकर ठगी को अंजाम दिया जा रहा था। ठग महिलाओं को प्रेग्नेंट करने का हवाला देकर लोगों से ठगी की जा रही है। ठग कहता है कि लड़की से मिलने के लिए सिर्फ रजिस्ट्रेशन करवाना होगा, जिसके लिए 550 रुपए देने होंगे। सोशल मीडिया पर पोस्ट में एक युवती को दिखाया गया और मोबाइल नंबर भी पोस्ट गए। ठग GST और अन्य चार्ज बताकर एक व्यक्ति से 5 से 6 हजार रुपए ठग लेते हैं। इस तरीके से बहुत से लोग झांसे में आते रहते हैं। हालांकि मामले में सूचना के आधार पर 13 साल के नाबालिग को डिटेन कर संरक्षण में भेज दिया है। आईजी राहुल प्रकाश ने भरतपुर रेंज में साइबर ठगी को रोकने के लिए ऑपरेशन एंटी वायरस चलाया हुआ है। जिसके तहत साइबर ठगों को पकड़ा जा रहा है। साथ ही साइबर ठगी के पैसे से सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण किया हुआ है। ऐसे साइबर ठगों को चिह्नित कर प्रशासन की ओर से नोटिस दिलाया जाता है, उसके बाद अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया जाता है।
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