ध्यान दें! देश में फिर लौट रहा कोरोना, पिछले 24 घंटों के केस ने डराया

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस ने फिर टेंशन बढ़ाई है. कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के अब तक 21 मरीज मिले हैं, जिससे कोरोना रिटर्न की चर्चाएं तेज हो गई हैं. देश में बुधवार को पिछले 24 घंटे में 614 नए कोरोना मरीज सामने आए हैं. ये 21 मई के बाद सबसे ज्यादा संख्या …

Update: 2023-12-20 22:22 GMT

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस ने फिर टेंशन बढ़ाई है. कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के अब तक 21 मरीज मिले हैं, जिससे कोरोना रिटर्न की चर्चाएं तेज हो गई हैं. देश में बुधवार को पिछले 24 घंटे में 614 नए कोरोना मरीज सामने आए हैं. ये 21 मई के बाद सबसे ज्यादा संख्या है. गोवा में 19 मरीज पाए गए हैं. एनसीआर के गाजियाबाद, केरल और महाराष्ट्र में भी एक-एक मरीज मिला है. WHO से लेकर केंद्र सरकार ने अलर्ट जारी किया है. अस्पतालों में खास एहतियात बरता जा रहा है. भीड़ में मास्क पहनने की अपील की गई है. कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 की टेस्टिंग बढ़ाने समेत कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को आंकड़े अपडेट किए हैं. इसके अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे में 614 नए कोरोनावायरस मरीज मिले हैं. एक्टिव केसों की बढ़कर 2,311 हो गई है. वायरस से केरल में तीन मरीजों की जान गई है. देश में मरने वालों की कुल संख्या 5,33,321 दर्ज की गई है. देश में कोविड मरीजों की कुल संख्या 4.50 करोड़ (4,50,05,978) हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,44,70,346 हो गई है. देश में रिकवरी रेट 98.81 प्रतिशत है. मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है. मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, देश में अब तक 220.67 करोड़ कोविड डोज लगाई जा चुकी हैं.

वर्चुअल बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सभी स्वास्थ्य मंत्रियों को कोरोनोवायरस पर दिशानिर्देशों के बारे में जानकारी दी और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों के बारे में फीडबैक लिया. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने बुधवार को नई दिल्ली में कहा कि देशभर में अब तक नए कोविड​​​​-19 सब-वैरिएंट जेएन.1 के 21 मामले सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है. देश में वैज्ञानिक नए वैरिएंट का एनालिसिस कर रहे हैं. उन्होंने राज्यों को टेस्टिंग बढ़ाने और अपने मॉनिटरिंग सिस्टम को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया है. वीके पॉल ने कहा, वर्तमान में देश में कोविड 19 के लगभग 2300 एक्टिव मामले हैं. यह उछाल कोविड जेएन.1 वैरिएंट के कारण है. घबराने की कोई जरूरत नहीं है. केरल, तमिलनाडु, गोवा और कर्नाटक में मामले हैं. पिछले 2 हफ्तों में गंभीर बीमारी वाले कोरोना के 16 मरीजों की मौतें हुईं हैं.

स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को नए वेरिएंट की ट्रैकिंग की सुविधा के लिए सभी कोविड-19 केसों के सैंपल INSACOG लैब में भेजने की सलाह दी है. राज्यों से जागरूकता पैदा करने, महामारी का प्रबंधन करने और तथ्यात्मक रूप से सही जानकारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने JN.1 के तेजी से बढ़ते केसों को देखते हुए इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में वर्गीकृत किया है. हालांकि, इससे लोगों को ज्यादा खतरा नहीं है.

वहीं, गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने बुधवार को बताया कि उनके राज्य में कोरोना के 19 केस सामने आए हैं. हालांकि कोई मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं हुआ. इन सभी मरीजों में हल्के लक्षण हैं और आइसोलेशन में रखा गया है. उन्होंने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में कोविड​​​​-19 के नए वैरिएंट के मरीजों का पता चला है. पर्यटक राज्य होने की वजह से गोवा में स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर रखा गया है. राणे ने कहा, पर्यटन सीजन इस समय अपने पीक पर है और विदेशों से पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है.

राणे ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में एक वर्चुअल मीटिंग में भी हिस्सा लिया. इस बैठक में राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री शामिल हुए. मंत्री ने कहा, कोविड-19 का कोई भी मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं है. हल्के लक्षण होने के कारण सभी को घर में आइसोलेशन में रखा गया है. इससे पहले मंगलवार को तीन नए मरीज सामने आए थे. गोवा में एक्टिव मरीजों की संख्या 19 हो गई है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि 15 स्वाब सैंपल लिए गए थे. सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है.

यूपी के गाजियाबाद में बीजेपी नेता कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. ये मरीज शास्त्री नगर में रहता है. उसे खांसी और सर्दी की समस्या है. डायबिटीज की भी प्रॉब्लम है. उसे होम आइसोलेट किया गया है. स्वास्थ्य टीम ने घर पहुंचकर परिजन के सैंपल लिए हैं. जीनोम सीक्वेंसिंग करवाया जाएगा. परिवार के सदस्य की दुबई की ट्रैवल हिस्ट्री है. करीब 8 महीने बाद कोविड का केस मिला है.

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने बुधवार को बताया कि यहां 64 साल के मरीज की मौत हो गई. वो कोरोना पॉजिटिव आया था. क्या मौत का कारण SARS CoV-2 वायरस का नया सब वैरिएंट JN.1 है? इस पर उन्होंने कहा, यह अभी तक साफ नहीं है. मरीज को अन्य गंभीर बीमारियां थीं. वो चामराजपेट का रहने वाला था. 15 दिसंबर को उसकी मौत हुई है. राव ने कहा, उन्हें हार्ट प्रॉब्लम, टीबी संक्रमण, उच्च रक्तचाप, फेफड़ों की बीमारी, ब्रोन्कियल अस्थमा के साथ-साथ कोविड​​​​-19 और निमोनिया भी था. हाल ही में केसों में वृद्धि के बाद यह कोविड से पहली मौत हुई है.

राव ने कहा, राज्य सरकार कोविड की टेस्टिंग बढ़ाएगी. अगले तीन दिनों में प्रति दिन 5,000 सैंपल लेकर टेस्टिंग करवाई जाएगी. सभी गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) मामलों और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के 20 मामलों में से कम से कम 1 के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है. दक्षिण कन्नड़, कोडागु, चामराजनगर और मैसूरु में ज्यादा टेस्टिंग करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को एक एडवाइजरी जारी की और 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों, अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को बाहर जाने पर फेस मास्क पहनने की अपील की. कोविड के मद्देनजर बंद, खराब हवादार जगहों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से सख्ती से बचने के लिए कहा है. केरल और तमिलनाडु की सीमा से लगे जिलों में अधिकारियों को सतर्क रहने और पर्याप्त टेस्टिंग और कोविड मामलों की समय पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.

कर्नाटक में सबसे ज्यादा टेस्टिंग करने वाले राज्य के रूप में उभरा है. पिछले 24 घंटे में 1,000 से ज्यादा टेस्ट किए गए हैं. केरल भी प्रतिदिन लगभग 1,000 टेस्ट कर रहा है. कर्नाटक में शनिवार तक रोजाना 5,000 टेस्टिंग कराने की तैयारी है. कोविड टेस्टिंग बढ़ाने पर टेस्ट किटों की जरूरत है. शनिवार तक जरूरी आरटी-पीसीआर किट और वीटीएम शीशियों की पर्याप्त आपूर्ति मिल जाएगी. मंत्री ने कहा, नए साल के जश्न और समारोहों पर अभी तक कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन मास्क पहनना हमेशा सभी के लिए अच्छा होता है, खासकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर. अगर संक्रमण की गंभीरता और अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति बढ़ती है तो हम इस पर गौर करेंगे.

कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने से दिल्ली-एनसीआर में पैरेंट्स परेशान देखे जा रहे हैं. यहां सभी स्कूल और कॉलेज बिना किसी कोविड प्रोटोकॉल के पूरी क्षमता से चल रहे हैं. बढ़ते मामलों से अभिभावक चिंतित हैं. वे कई लोग स्कूलों और सरकार से दिशा-निर्देश जारी करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, स्थिति गंभीर नहीं है, लेकिन माता-पिता के लिए डरावनी है.

पैरेंट्स कहते हैं कि स्कूलों को एहतियाती कदम उठाने चाहिए और सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क सुनिश्चित करना चाहिए. अगर हम व्यक्तिगत रूप से अपने बच्चों पर मास्क थोपने की कोशिश करेंगे, तो इसका कोई फायदा नहीं होगा और अधिकांश छात्र इसे नहीं पहनेंगे. उत्तर पश्चिमी दिल्ली के अभिभावक संघ के पंकज गुप्ता ने कहा, हम चाहते हैं कि स्कूल सक्रिय रूप से प्रतिक्रिया दें. सरकार को पहले से सोचना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए. जबकि कई छात्र कोविड प्रोटोकॉल को समझते हैं, प्राथमिक और माध्यमिक के बच्चों को ऐसी स्थितियों से निपटने का शायद ही कोई अनुभव है. बच्चों को समय पर जागरूक करना और स्कूल के साथ-साथ सरकार की ओर से सक्रिय प्रतिक्रिया जरूरी है.

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