कोरोना के भारत में मिल चुके हैं सात स्ट्रेन, नए वेरियंट ने बढ़ाई चिंता

कोरोना की दूसरी लहर ऐसी बेकाबू हुई कि हर जगह ICU बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों के लिए हाहाकार मचने लगा

Update: 2021-05-05 18:34 GMT

देश में अभी सबसे बड़ी फिक्र कोरोना (Covid) को लेकर है, क्योंकि दूसरी लहर (Corona second wave) के कहर ने 135 करोड़ देशवासियों का चैन छीन लिया है. केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक इस खतरनाक महामारी से निपटने के लिए युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं. इस बीच आज स्वास्थ्य मंत्रालय ने बहुत बड़ी बात कही. मंत्रालय ने कहा कि महामारी में एक दिन की ढिलाई से भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि देश में हर रोज कोरोना के मामलों में 2.4 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है. 12 राज्य ऐसे हैं जहां एक लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं और 24 राज्यो में पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी से ज्यादा है. हालांकि, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छतीसगढ़ और तेलंगाना में केस कम हो रहे हैं, लेकिन कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और बिहार में मामले बढ़ रहे हैं.

तो सुना आपने कि एक दिन की ढिलाई भी महंगी पड़ी सकती है, इसीलिए देश में फुल लॉकडाउन की मांग भी उठ रही है. बात करते हैं कोरोना के नये स्ट्रेन की, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि ये स्ट्रेन 15 गुना ज्यादा घातक है और युवाओं और बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है. भारत में कोरोना की दूसरी लहर ने ऐसी रफ्तार पकड़ी है कि महज चार महीनों में एक करोड़ लोग संक्रमित हो गए, जबकि पहले इतने ही केस आने में 10 महीने लगे थे और पिछले सिर्फ तीन महीनों में करीब 95 लाख नए केस आए.
B.1.617 वेरिएंट के आलावा सामने आया नया स्ट्रेन
कोरोना की दूसरी लहर ऐसी बेकाबू हुई कि हर जगह ICU बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों के लिए हाहाकार मचना लगा और इसके लिए बहुत हद तक कोरोना के डबल म्यूटेशन वाले वैरिएंट B.1.617 को जिम्मेदार बताया गया. B.1.617 वेरिएंट में वायरस के बाहरी स्पाइक भाग में दो तरह के म्यूटेशन्स पाए जाते हैं, जिन्हें E484Q और L452R कहा जाता है. ये दोनों कोरोना के कई दूसरे वेरिएंट्स में भी अलग होते हैं, लेकिन किसी वेरिएंट में पहली बार इन दोनों म्यूटेशन्स को एक साथ देखा गया, लेकिन अब परेशानी बढ़ाने वाली खबर आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) से आई है, जहां कोरोनावायरस का नया स्ट्रेन मिला है. चूंकि, ये वायरस आंध्र प्रदेश में मिला है तो इसे AP स्ट्रेन कहा जा रहा है.
मौजूदा स्ट्रेन के मुकाबले 15 गुना ज्यादा खतरनाक
हालांकि, वैज्ञानिक भाषा में इस AP स्ट्रेन को N440K वैरिएंट कहा जाता है. इस स्ट्रेन की खोज हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी यानी CCMB के वैज्ञानिकों ने की है. इन वैज्ञानिकों का दावा है कि भारत में मौजूदा स्ट्रेन के मुकाबले नया वैरिएंट 15 गुना ज्यादा खतरनाक है. ये युवाओं और बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रहा है. आंध्र प्रदेश में सामने आया नया स्ट्रेन आंध्र प्रदेश के साथ-साथ कर्नाटक और तेलंगाना में भी काफी तेजी से फैल रहा है, जिसका असर महाराष्ट्र में भी देखा जा रहा है.
क्यों कहा जा रहा इसे मौजूदा स्ट्रेन से ज्यादा खतरनाक
अब आपको बताते हैं कि इस स्ट्रेन को पहले से मौजूद स्ट्रेन से ज्यादा खतरनाक क्यों कहा जा रहा है? नए वैरिएंट से संक्रमित होने वाले मरीज 3 से 4 दिनों में हाइपोक्सिया या डिस्पनिया के शिकार हो जाते हैं. इस स्थिति में सांस मरीज के फेफड़े तक पहुंचना बंद हो जाती है और सही समय पर इलाज और ऑक्सीजन सपोर्ट नहीं मिलने पर मरीज की मौत हो जाती है. कहा जा रहा है कि भारत में इन दिनों ज्यादातर कोरोना मरीजों की मौत इसी के चलते हो रही है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर समय रहते इस स्ट्रेन की चेन को नहीं तोड़ा गया, तो कोरोना की ये दूसरी लहर और भी ज्यादा भयावह हो सकती है, क्योंकि ये मौजूदा स्ट्रेन B.1617 और B.117 से कहीं ज्यादा खतरनाक है.
अच्छी इम्यूनिटी वाले लोगों को भी ले रहा अपनी चपेट में
अब आपको बताते हैं कि सबसे पहले कोरोना के AP स्ट्रेन की पहचान कहां हुई. वैज्ञानिकों का कहना है कि सबसे पहले इस स्ट्रेन की पहचान आंध्र प्रदेश के कुरनूल में हुई और ये लोगों के बीच काफी तेजी से फैला. सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि ये वैरिएंट अच्छी इम्यूनिटी वाले लोगों को भी चपेट में ले रहा है. इस स्ट्रेन के कारण लोगों के शरीर में साइटोकाइन स्टॉर्म की समस्या आती है. अब यहां ये जानना भी जरूरी है कि साइटोकाइन क्या है और साइटोकाइन स्टॉर्म क्या है?
शरीर में मौजूद प्रोटीन की एक चेन है साइटोकाइन
साइटोकाइन (Cytokines) शरीर में मौजूद प्रोटीन की एक चेन होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है. डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोनावायरस शरीर में प्रवेश करते ही कोशिकाओं पर हमला बोलता है और इनको नष्ट करने के लिए तेजी से अपनी कॉपी बनाने लगता है. इम्यून सिस्टम को ये संकेत मिलता है कि शरीर में वायरस ने प्रवेश कर लिया है तो वो साइटोकाइन संवाद स्थापित करता है.
ये संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट होने का संकेत देता है ताकि वायरस स्वस्थ कोशिकाओं में प्रवेश न कर सके. ऐसी स्थिति में इम्यून सिस्टम ज्यादा संख्या में साइटोकाइन पैदा कर देता है, जिसे साइटोकाइन स्टॉर्म कहा जाता है. ज्यादा संख्या हो जाने के कारण ये फेफड़ों की स्वस्थ कोशिकाओं भी नष्ट करने लगता है.
एक्सपर्ट कहते हैं कि साइटोकाइन स्टॉर्म के कारण तेज बुखार, शरीर में खून जमना जैसी स्थिति पैदा हो जाती है. श्वेत रक्त कोशिकाएं (White blood cells) यानी WBC स्वस्थ ऊतकों पर भी हमला करने लगती हैं और फेफड़े, हृदय, लीवर, आंत और किडनी पर प्रतिकूल असर डालती हैं. यहां तक कि, कोरोना संक्रमितों की मौत की एक वजह ये भी बन रही है. ऐसे में जागरुकता भी जरूरी है और एक्सपर्ट की राय सुनना भी.
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में नए स्ट्रेन का कहर
कोरोना के AP स्ट्रेन यानी N440K को B.1.36 स्ट्रेन भी कहा जाता है, लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो महीने से दो तेलगु राज्य तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के साथ महाराष्ट्र कोरोना के नए वेरिएंट से बुरी तरह जूझ रहे हैं. अप्रैल महीने का कोविड डेटा बताता है कि महाराष्ट्र का डबल म्यूटेंट B.1.617 तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में हावी हुआ और इन दो राज्यों में इस वैरिएंट के 50-60 प्रतिशत केस पाए गए. इस रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2021 तक तेलंगाना और आंध्र में N440K यानी AP स्ट्रेन हावी था, लेकिन कोरोना के दो और वेरिएंट UK स्ट्रेन B.1.1.7 और डबल म्यूटेंट B.1.617 ने इन राज्यों की चिंता बढ़ा दी है.
भारत में मिल चुके हैं कोरोना के अब तक सात स्ट्रेन
UK स्ट्रेन B.1.1.7 की बात करें, तो इसके ज्यादा मामले पंजाब और केरल में मिले हैं. मतलब समय बीतने के साथ कोरोना नया-नया रूप बदल रहा है और पहले से ज्यादा घातक होता जा रहा है. भारत में अब तक कोरोना के सात स्ट्रेन (Corona Strains) मिल चुके हैं. N440K वेरिएंट के अलावा E484 K वेरिएंट फरवरी में मिला था. तीसरा है डबल म्यूटेंट स्ट्रेन, जिसका कहर अभी जारी है. चौथा- ट्रिपल म्यूटेंट वेरिएंट, जो पश्चिम बंगाल में ज्यादा फैल रहा है. इसके अलावा यूके स्ट्रेन, साउथ अफ्रीका स्ट्रेन और ब्राजील स्ट्रेन से भी भारत प्रभावित है.


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