Corn Flour: सरकार के दो साल पर लांच होगा मक्की का आटा

Update: 2024-11-28 09:34 GMT
Shimla. शिमला। सरकार के दो साल के जश्र में लोगों के लिए मक्की का आटा लाँच किया जाएगा। बिलासपुर में सरकार यह जश्र मनाने जा रही है और वहां पर मक्की का आटा भी लाँच कर दिया जाएगा। कृषि महकमे ने इसकी तैयारी कर ली है। यह मक्की का आटा सरकारी राशन के डिपो के माध्यम से लोगों को एक किलो व पांच किलो की पैकिंग में मिलेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इसकी लाँचिंग करेंगे। कृषि विभाग के तहत आने वाले प्राकृतिक खेती विंग ने किसानों से प्राकृतिक खेती के तहत उत्पादित मक्की की खरीद का काम लगभग पूरा कर लिया है। बताया जाता है कि 10 जिलों से 391.56 मीट्रिक टन मक्की की खरीद कर ली गई है और इसे नौणी विश्वविद्यालय से सर्टिफाइड भी कर दिया गया है। उम्मीद है कि 430.63 मीट्रिक टन मक्की जुटाई जाएगी। 1495 किसानों से यह मक्की खरीदी गई है, जो प्रदेश में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और यहां समय-समय पर अलग-अलग फसल लगा रहे हैं। इनकी खेती में केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। पूरी तरह से प्राकृतिक तरीके से यह खेती की जा रही है, जिसका लाभ भी अब किसानों को मिलना शुरू हो गया है। इस खेती में किसानों की 90 फीसदी सफलता बताई जा रही है, जो निरंतर बढ़ती रहेगी।

कृषि विभाग के प्राकृतिक खेती विंग ने जिलावार जो मक्की किसानों से जुटाई है, उसके तहत बिलासपुर से 14 मीट्रिक टन, चंबा से 81.64 मीट्रिक टन, हमीरपुर से 5.34 मीट्रिक टन, कांगड़ा से 48.32 मीट्रिक टन, कुल्लू से 6.55 मीट्रिक टन, मंडी से 57.40 मीट्रिक टन, शिमला से 6.70 मीट्रिक टन, सिरमौर से 45.49 मीट्रिक टन, सोलन जिला में 114.58 मीट्रिक टन तथा ऊना जिला में 11.15 मीट्रिक टन मक्की जुटाई है। प्राकृतिक खेती के तहत सबसे अधिक उत्पादन सोलन में हो रहा है, सिरमौर व मंडी जिला में भी अच्छा उत्पादन हो रहा है। वहां से सबसे अधिक मक्की जुटाई गई है और इस
मक्की
की पिसाई का काम भी करवा दिया गया है। नौणी विवि से इसकी सर्टिफिकेशन करवाई गई है और प्राकृतिक खेती से उत्पादित मक्की का आटा अब सरकारी राशन के डिपो में लोगों को मिलेगा। बिलासपुर में 77 किसानों से मक्की की खरीद की गई है तो वहीं चंबा में 132, हमीरपुर में 106, कांगड़ा में 336, कुल्लू में 44, मंडी में 312, शिमला में 33, सिरमौर में 120, सोलन में 319 व ऊना में 16 किसानों से मक्की खरीदी गई। इनके अलावा भी काफी संख्या में लोग अब इन जिलों में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार मक्की के आटे का रेट अभी तय नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि बाजार से कम कीमत पर यह आटा दिया जाएगा। हो सकता है कि इसका रेट प्रति किलो 45 से 50 रूपए तक रखा जाएगा। बाजार में 60 से 70 रूपए प्रति किलो की दर से मक्की का आटा मिल रहा है।
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