कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव: केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष को इन नेताओं ने लिखा पत्र

Update: 2022-09-10 01:10 GMT

सोर्स न्यूज़  - आज तक 

दिल्ली। कांग्रेस में अगले महीने अध्यक्ष पद का चुनाव होना है, लेकिन इस बीच पार्टी के ही सांसद इसकी प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहे हैं. कांग्रेस के पांच सांसदों ने अध्यक्ष पद के चुनाव में पारदर्शिता, निष्पक्षता को लेकर चिंता जताई है. चिंता जताने वालों में मनीष तिवारी, शशि थरूर, कार्ति चिदंबरम, प्रद्युत बोरदोलोई, अब्दुल खलीक का नाम शामिल है. इन सांसदों ने पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री को पत्र भी लिख दिया है. मधुसूदन मिस्त्री को शशि थरूर पहले भी ऐसा पत्र लिख चुके हैं.

मनीष तिवारी ने भी कांग्रेस संगठन चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि वोटर सूची के बिना कांग्रेस अध्यक्ष पद के निष्पक्ष चुनाव कैसे होंगे? उन्होंने मांग की कि निष्पक्ष चुनाव के लिए पार्टी के वोटर का नाम-पता प्रकाशित किया जाना चाहिए. न्यूज एजेंसी के मुताबिक कांग्रेस के पांच सांसदों ने अब पत्र में लिखा है कि अध्यक्ष पद के चुनाव में मतदाता, उम्मीदवार सभी 28 कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष (PCC), 9 केंद्र शासित के पास जाकर इलेक्टोरल रोल (मतलब कौन वोट डालेगा) को वेरिफाई नहीं कर सकते. आगे लिखा गया है कि ऐसी लिस्ट मतदाता और उम्मीदवार को मुहैया कराई जानी चाहिए जिसमें PCC के डिलिगेट्स और इलेक्टोरल कोलाज (वोट डालने वाले लोगों की लिस्ट) के नाम हों. कहा गया है कि इससे अनुचित मनमानी नहीं हो पाएगी.

मिस्त्री को छह सितंबर को लिखे संयुक्त पत्र में कांग्रेस के लोकसभा सदस्य शशि थरूर, कार्ति चिदंबरम, प्रद्युत बोरदोलोई और अब्दुल खलीक ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मतदाता सूची जारी करने की उनकी मांग को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. सांसदों ने लिखा, "हम यह सुझाव नहीं दे रहे हैं कि पार्टी के किसी भी आंतरिक दस्तावेज को इस तरह से जारी किया जाना चाहिए जिससे उन लोगों को मौका मिल सके जो इस जानकारी का गलत इस्तेमाल करना चाहते हैं."

मिस्त्री को लिखे उनके पत्र में कहा गया है, "हमारा दृढ़ मत है कि नामांकन प्रक्रिया शुरू होने से पहले पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईए) को प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के प्रतिनिधियों की एक सूची प्रदान करनी चाहिए जो निर्वाचक मंडल बनाते हैं." सांसदों ने कहा कि यह सूची उपलब्ध कराई जानी चाहिए ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि कौन उम्मीदवार नामित करने और कौन वोट देने का हकदार है. उन्होंने कहा, "यदि सीईए को सार्वजनिक रूप से मतदाता सूची जारी करने के संबंध में कोई दिक्कत है, तो उसे सभी मतदाताओं और संभावित उम्मीदवारों के साथ इस जानकारी को सुरक्षित रूप से साझा करने के लिए एक तंत्र स्थापित करना चाहिए.


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