New Delhi: नई दिल्ली। दिल्ली स्थित संसद के सेंट्रल हॉल में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक के लिए कांग्रेस नेता पहुंच रहे है।
राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाने के लिए पार्टी सांसदों ने एक प्रस्ताव भी पारित किया। इस पर राहुल ने कहा- मुझे सोचने का वक्त दीजिए। यह पद पिछले 10 साल से खाली है। अब शाम 5.30 बजे कांग्रेस की संसदीय दल की बैठक होगी। इसमें संसदीय दल का नेता चुना जाएगा। बैठक में दिल्ली और हरियाणा में आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन तोड़ने की भी नेताओं ने मांग रखी। दैनिक भास्कर से बात करते हुए कांग्रेस महिला मोर्चा की अध्यक्ष अलका लांबा ने कहा- भ्रष्टाचार के आरोप में केजरीवाल समेत बड़े नेताओं के जेल में होने और स्वाती मालीवाल से मारपीट की वजह से कांग्रेस पार्टी को गठबंधन से नुकसान हुआ।
लांबा ने कहा- पंजाब में हमने AAP के साथ गठबंधन नहीं किया, इसका हमें सीधा फायदा हुआ है। वहीं दिल्ली में हम एक भी सीट नहीं जीत पाए। हरियाणा में हमें AAP से गठबंधन का कोई फायदा नहीं मिला। मैंने CWC की मीटिंग में AAP से गठबंधन पर विचार करने की मांग रखी है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक में कहा- जहां-जहां से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा गुजरी, वहां-वहां पार्टी की सीटें बढ़ी हैं। खड़गे ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन के लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के अलावा पार्टी के हर एक नेता और कार्यकर्ता को बधाई दी।
CWC की मीटिंग में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका के अलावा कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और नवनिर्वाचित सांसद शामिल हुए। बैठक में लोकसभा में जीती और हारी हुई सीटों पर भी चर्चा हुई। लोकसभा में पिछले 10 साल से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है। 2014 में कांग्रेस को 44 सीटें और 2019 में 52 सीटें मिली थीं। भाजपा के बाद सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस को मिली थीं। फिर भी कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी नहीं मिली थी।
दरअसल, नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए किसी भी पार्टी के पास लोकसभा की कुल सीटों का 10 प्रतिशत सीटें होना चाहिए। यानी 543 सीटों में से कांग्रेस को इसके लिए 54 सांसदों की जरूरत होती है। कांग्रेस ने इस बार अपने दम पर 99 सीटें हासिल की हैं। 2014 में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी उस वक्त पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने से इनकार कर दिया था। पिछली लोकसभा में कांग्रेस का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा, लेकिन तब भी 54 सीटें नहीं हुईं। अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस के नेता बनाए गए, लेकिन नेता प्रतिपक्ष तब भी कोई नहीं हो सका।