हरदोई के मूल निवासी डॉ श्यामप्रकाश शुक्ला कांग्रेस पार्टी के पूर्व महासचिव और प्रवक्ता रहे हैं और कई अन्य पदों पर भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि उनका बेटा प्रज्ञा प्रतीक शुक्ला श्री जैन आदर्श विद्या निकेतन इंटर कॉलेज नोखा बीकानेर में प्राचार्य थे और उनकी बहू प्रिया शुक्ला अध्यापिका थीं. 27 मार्च 2016 को एक लड़की जो उसी कॉलेज में पढ़ती थी, पीटीआई बृजेंद्र सिंह के आवास से आपत्तिजनक हालत में पायी गई थी. विद्यालय के प्राचार्य होने के नाते उसी परिसर में निवास होने के कारण उनके बेटे ने पीटीआई को समझा-बुझाकर माफीनामा लिखवा लिया था, क्योंकि प्राचार्य होने के नाते यही किया जा सकता था.
आत्महत्या को हत्या का रूप देने का आरोप
जिसके बाद 28 मार्च 2016 को उस लड़की ने परिसर में बने पानी के टैंक में कूदकर आत्महत्या कर ली थी. कांग्रेसी नेता का आरोप है कि छात्रा के पिटाई के साथ बहुत पहले से उसके शारीरिक संबंध थे जो कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी दर्शाया गया है. उस समय नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी की श्री जैन आदर्श विद्या निकेतन के चेयरमैन ईश्वरचंद की व्यक्तिगत दुश्मनी थी. इसी कारण उन्होंने विधानसभा राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष होने के कारण बदला लेने की नीयत पर सरकार को घेरा और उस समय 13 अप्रैल 2016 को राहुल गांधी प्रदेश और कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के साथ लड़की के गांव गए और आत्महत्या को हत्या का रूप दे दिया.
जमानत भी नहीं होने दे रही सरकार
उन्होंने कहा कि 8 अक्टूबर 2021 को मेरे बेटे प्रज्ञा प्रतीक शुक्ला व पुत्रवधू प्रिया शुक्ला को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दबाव में हरिजन एक्ट के तहत बीकानेर की अदालत के जज ने 6 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाकर 20000 का जुर्माना लगाकर जेल भेज दिया है. उन्होंने मांग की है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हम पति-पत्नी और पौत्रों की इच्छा मृत्यु का आदेश दिलवाने अथवा हम सभी लोगों को गोली मरवाने का आदेश दिला दें, क्योंकि हमारे बेटे की जमानत पर भी पहरा राजस्थान सरकार लगाए हैं. उन्होंने कहा कि नहीं तो राजस्थान विधानसभा पहुंच कर आत्मदाह कर लेंगे.