दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों की लिस्ट हुई जारी, कौन हैं सबसे ईमानदार और सबसे भ्रष्ट देश?
सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली: ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2024 की रैंकिंग जारी कर दी है. रैंकिंग तैयार करने के लिए सीपीआई 180 देशों और क्षेत्रों को पब्लिक सेक्टर में भ्रष्टाचार के कथित स्तर के बेस पर रैंकिंग देता है, जिसमें देशों को 0 से लेकर 100 के बीच नंबर दिए जाते हैं. रैंकिंग में सबसे ज्यादा नंबर पाने वाले देश साफ है, जबकि 0 नंबर पाने वाले देश सबसे करप्ट है.
मंगलवार को जारी सीपीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के लिए भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (सीपीआई) में भारत 180 देशों में से 96वें स्थान पर है. हालांकि, 2023 के मुकाबले इंडेक्स में भारत का एक की गिरावट आई है. जिसकी वजह से भारत की रैंकिंग 3 का अंतर आ गया है. भारत को 100 में से 38 नंबर मिले हैं. जबकि 2023 में यह 39 और 2022 में 40 था. 2023 में भारत की रैंक 93 थी.
भारत के पड़ोसियों में पाकिस्तान (135) और श्रीलंका (121) अपनी-अपनी निम्न रैंकिंग से जूझ रहे हैं, जबकि बांग्लादेश की रैंकिंग और नीचे 149 पर है. वहीं, चीन इस रैंकिंग में 76वें स्थान पर है. सीपीआई की रैंकिंग में डेनमार्क शीर्ष पर है. उसके बाद फिनलैंड और सिंगापुर हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में भ्रष्टाचार के गंभीर मामले सामने आए हैं. 43 का वैश्विक औसत भी सालों से कायम है, जबकि दो तिहाई से ज्यादा देशों ने 100 में से 50 से भी कम नंबर हैं और करोड़ों लोग इन देशों में रह रहे हैं, जहां भ्रष्टाचार लोगों के जीवन को प्रभावित कर रहा और मानव अधिकारों को लगातार कमजोर कर रहा है.
2024 सीपीआई ने दिखाया कि दुनिया के हर हिस्से में भ्रष्टाचार एक खतरनाक समस्या है, लेकिन कई देशों में बेहतरी के लिए बदलाव हो रहा है. जबकि 2012 के बाद से 32 देशों ने अपने भ्रष्टाचार के स्तर को काफी हद तक कम कर लिया है. पर अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है, क्योंकि इसी अवधि के दौरान 148 देशों की स्थिति स्थिर बनी हुई है या उनकी हालत बदतर हो गई है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग ग्लोबल हीटिंग के गंभीर परिणाम भुगत रहे हैं, क्योंकि देशों को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती करने और कमजोर आबादी की रक्षा करने के लिए धन चोरी या दुरुपयोग किया जाता है.