वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह साल 1998 में सक्रिय राजनीति में आई थीं. उन्होंने मंडी संसदीय क्षेत्र से पहला चुनाव लड़ा था. इसमें बीजेपी के महेश्वर सिंह एवं उनके समधी ने उन्हें करीब सवा लाख मतों से हराया था. महेश्वर सिंह उनके समधी हैं. इसके बाद साल 2004 के लोकसभा चुनाव में दूसरी बार प्रतिभा ने किस्मत आजमाई थी. इसमें समधी महेश्वर से पुरानी हार का बदला लिया और संसद पहुंची थीं. वहीं, साल 2012 में प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद वीरभद्र सिंह ने लोकसभा से त्यागपत्र दे दिया था. इसके बाद 2013 में उपचुनाव हुआ. इसमें प्रतिभा सियासी रण में उतरीं. इस चुनाव में उन्होंने जयराम ठाकुर को भारी मतों से हराया था.
हालांकि, साल 2014 में मोदी लहर में प्रतिभा को हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें बीजेपी के रामस्वरूप शर्मा ने 39 हजार से अधिक वोटों से हराया था. वहीं, 26 अप्रैल 2022 को कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी. छह महीने की इस जिम्मेदारी में प्रतिभा ने अपनी सियासी प्रतिभा का लोह मनवा दिया. इसके साथ ही उन्होंने जनता की चाहत और वीरभद्र परिवार के नेतृत्व की बात करके अपनी इच्छा भी जाहिर कर दी है.