किसानों पर लाठीचार्ज से कांग्रेस भड़की, खट्टर सरकार पर किसानों के खिलाफ जनरल डायर जैसा व्यवहार करने का लगाया आरोप

Update: 2021-08-28 13:39 GMT

हरियाणा के करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का विरोध करने पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर कांग्रेस भड़क गई है. कांग्रेस ने खट्टर सरकार पर किसानों के खिलाफ जनरल डायर जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया है. शनिवार को करनाल के घरौंडा के टोल पर किसानों ने मुख्यमंत्री खट्टर के एक कार्यक्रम के विरोध में प्रदर्शन किया था, जिसमें पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी. इस लाठीचार्ज में कई किसानों को काफी चोटें भी आईं. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने लाठीचार्ज पर खट्टर सरकार को घेरते हुए कहा कि पहले पीएम मोदी और सीएम खट्टर की सरकारों ने तीन काले कानूनों से खेती का खून किया. अब भाजपा-जजपा सरकार किसानों का खून बहा रही है. सुरजेवाला ने कहा, ''भाजपा-जजपा की कायर सरकार ने करनाल में अन्नदाता किसान पर बेरहमी और बर्बरतापूर्ण लाठी चार्ज कर एक बार फिर जनरल डायर की याद दिला दी. शांतिप्रिय तरीके से विरोध कर रहे किसानों को जानवरों की तरह दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. दर्जनों लहुलुहान हो गए और सैकड़ों को चोटें आईं. एक बार फिर यह साबित हो गया कि अन्नदाता किसान के असली दुश्मन हैं - दुष्यंत चौटाला और मनोहर लाल खट्टर.''

'ड्यूटी मजिस्ट्रेट के जरिए से सीएम ने दिया आदेश'

सुरजेवाला ने आगे कहा कि करनाल में ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सार्वजनिक वीडियो से यह साफ है कि मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से किसानों के सिरों पर लाठियां बरसाकर कातिलाना हमला करने का आदेश दिया था. किसान, जो खेत को खून पसीने से सींचकर देश की भूख मिटाता है, उसे बेरहमी और बर्बरता से पीट-पीट कर खून से नहला दिया गया. इसके पीछे की वजह यह है कि तीन काले कानूनों के माध्यम से बीजेपी-जजपा खेती को चंद पूंजीपतियों की दासी बनाना चाहती है और किसान की अगली फसल और अगली नस्ल को उन पूंजीपतियों का गुलाम. लेकिन किसान को न कभी सत्ता और जुल्म झुका पाए हैं, और न कभी किसानों के भविष्य को रौंदकर हरियाणा सरकार यह कर पाएगी. हरियाणा सरकार पर बरसते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ''बीजेपी-जजपा सरकार ने मिलकर पिछले नौ महीनों से किसानों के हिस्से में लाठीचार्ज, पानी की बौछारें, आंसू गैस के गोले तथा कीलें व नश्तरों की प्रताड़ना लिख दी है. 25 नवंबर, 2020 से आज तक किसान-मजदूर के सीने पर मोदी व खट्टर सरकारों ने लगातार वार किया है और खून बहाया है. 25 नवंबर को जब किसानों ने गांधीवादी तरीके से दिल्ली की ओर कूच किया, तो अंबाला, सिरसा, पलवल और राजस्थान बॉर्डर से जगह-जगह सड़कें खोद, ठंडे पानी की बौछारें मार, आंसू गैस के गोले चला तथा किसानों के सिर पर लाठियां मारकर उनका रास्ता रोका गया.''

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