शिक्षिका के खिलाफ थाने में शिकायत, भागवत गीता को डस्टबिन में फेंकने का आरोप
गया. चौथी कक्षा के एक छात्र के बैग से भागवत गीता और जप माला मिलने के बाद उसकी शिक्षिका भड़क गई. मामला गया के बागेश्वरी रोड स्थित केंद्रीय विद्यालय-1 का है. स्कूल बैग में भागवत गीता और माला निकलने के बाद शिक्षिका ने उसे डस्टबिन में फेंक दिया. यह घटना नौ दिसंबर की बताई जा रही है. छात्र का बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला सामने आया है. छात्र के अभिभावक ने स्कूल प्रबंधन से शिक्षिका के खिलाफ लिखित शिकायत की है, जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने इसे गंभीरता से लिया है. इस मामले में केंद्रीय विद्यालय पटना की टीम ने गया पहुंचकर मामले की जांच की है. प्रभारी प्राचार्य ने पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है. जांच रिपोर्ट केंद्रीय विद्यालय-1 के सहायक आयुक्त के पास भेजी जाएगी. फिलहाल इस संबंध में उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया है.
छात्र का कहना है कि नौ दिसंबर को स्कूल में बैग चेकिंग के दौरान जब भागवत गीता और जप माला निकला तो महिला शिक्षिका ने डस्टबिन में फेंक दिया और देवताओं को लेकर आपत्तिजनक शब्द का भी इस्तेमाल किया गया. इतना ही नहीं बल्कि शिक्षिका ने यह भी कहा कि अगर इसके बारे में वह अपने अभिभावकों को कुछ बताता है तो उसकी पिटाई होगी. इधर, छात्र का कहना है कि वह बैग में भागवत गीता इसलिए लेकर गया था कि उसे यह पढ़ने में अच्छा लगता है और वह लंच टाइम में पढ़ना चाहता था. इसलिए बैग में लेकर गया था.
छात्र के पिता इस्कॉन मंदिर से जुड़े हैं. जब उन्हें इस बात की जानकारी हुई तो शिक्षिका पर कार्रवाई के लिए डेल्हा थाने में वे आवेदन लेकर पहुंचे. हालांकि यहां आवेदन नहीं लिया गया. इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत गया के एसएसपी आदित्य कुमार से की है. इस्कॉन के प्रबंधक जगदीश श्याम दास ने कहा कि जल्द से जल्द शिक्षिका पर कार्रवाई हो, नहीं तो सभी धार्मिक संगठन मिलकर सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे. लंच के समय में कोई छात्र खेलता है और कोई पढ़ना चाहता है. विद्यालय से हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन महिला शिक्षिका के द्वारा पूज्य ग्रंथ फेंकना यह उसकी कैसी चेतना और मानसिकता को दर्शाता है.