कृषि भूमि व फसल बर्बाद होने पर मिलेगा 1,000 से 47,000 रुपए प्रति हैक्टेयर मुआवजा: चंद्र कुमार
शिमला। हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के दौरान कृषि भूमि के तबाह होने तथा फसल बर्बाद होने पर 1,000 रुपए से 47,000 रुपए प्रति हैक्टेयर मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए सरकार ने नियम तय किए हैं। साथ ही प्रदेश सरकार ने कृषि विभाग को अलग से 3 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है। यह जानकारी कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने अनौपचारिक बातचीत में दी। उन्होंने कहा कि मुआवजे के लिए किसानों को सादे कागज पर आवेदन करना होगा। इसके बाद फ ील्ड अधिकारी मौके पर जाकर नुक्सान का जायजा लेगा तथा पटवारी की रिपोर्ट के आधार पर उन्हें क्लेम दिया जाएगा। विभाग ने सभी फील्ड अधिकारियों को प्रभावित किसानों का पता लगाकर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। उन्होंने बताया कि आपदा से कृषि योग्य भूमि के नष्ट होने पर किसानों को 47,000 रुपए प्रति हैक्टेयर तथा कम से कम नुक्सान होने पर 5000 रुपए प्रति हैक्टेयर मुआवजा मिलेगा।
इसके अलावा प्रदेश में अगर किसी किसान की फ सल इस आपदा में 33 प्रतिशत से ज्यादा नष्ट हुई है तो उसे भी सरकार मुआवजे के तौर पर 8500 रुपए प्रति हैक्टेयर और कम से कम 1000 रुपए प्रति हैक्टेयर प्रदान करेगी। मुआवजे की राशि केवल पटवारी की नुक्सान की रिपोर्ट पर ही दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा में किसानों को पहुंचे नुक्सान के चलते राज्य सरकार पहली बार इस तरह की वित्तीय मदद कर रही है। इससे पहले किसानों को बीज यह दूसरी अन्य मदों पर उपदान दे कर मदद की जाती रही है। किसानों को खेत में बाढ़ से सिल्ट भरने पर भी सरकार मुआवजा देगी। इसके लिए प्रति हैक्टेयर 18000 रुपए की राशि तय की गई है। यह मुआवजा तभी दिया जाएगा, यदि किसान के खेत में 3 इंच से अधिक सिल्ट जमा हो। इससे कम होने पर मुआवजा 1000 रुपए प्रति हैक्टेयर तय किया गया है। सिंचाई योग्य भूमि के नष्ट होने पर किसानों को 17000 रुपए और कम नुक्सान पर 2000 रुपए मुआवजा प्रति हैक्टेयर दिया जाएगा।