NBD के प्रोजेक्टों की जांच को गठित होगी कमेटी

Update: 2024-09-04 10:01 GMT
Shimla. शिमला। मानसून सत्र के दौरान सदन में जसवां परागपुर के विधायक विक्रम सिंह द्वारा नियम 62 के तहत लाए गए ध्यान आर्कषण प्रस्ताव पर बड़सर पेयजल योजना के टेंडर पर खूब बवाल हुआ। सदन में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एनडीबी के प्रोजेक्टों की जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अब सभी टेंडरों की फाइलें मंत्री कार्यालय में आएंगी। विधायक विक्रम सिंह ने ध्यान आर्कषण प्रस्ताव में कहा कि ब्यास नदी से बड़सर की प्यास बुझाने के ब्यास नदी से पानी लिफ्ट करने के लिए 214 करोड़ का टेंडर किया गया था, लेकिन बजट 130 करोड़ का था। टेंडर की राशि कम होने और ब्यास नदी दूर होने के कारण इसमें बदलाव करके सतलुज से पानी उठाने का फैसला लिया गया। विधायक विक्रम सिंह ने कहा कि स्कीम को रद्द किया गया, लेकिन टेंडर रद्द नहीं हुआ। 214 करोड़ का टेंडर जिसे किया था, उसे फिर टेंडर दे दिया गया। उन्होंने कहा कि चीफ इंजिनियर ने नोट दिया था, मशीनरी और सोर्स बदल गया, लेकिन
टेंडर नहीं बदला।

विक्रम सिंह ने कहा कि जिन अधिकारियों ने गलती की, उन क्या कार्रवाई करेंगे। इस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बड़सर पेयजल योजना का मसला ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने भी ध्यान में लाया था। ये एनडीबी का प्रोजेक्ट है, इसके लिए 131 करोड़ मंजूर हुए हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें पहले ही गलत हो गया। उन्होंने कहा कि सतलुज नदी नजदीक थी। उन्होंने कहा कि 40 किलोमीटर दूर ब्यास से पानी उठाने चले गए, जबकि सतलुज 20 किलोमीटर की दूरी पर थी। पूर्व की भाजपा सरकार में आनन फानन में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसका शिलान्यास कर दिया। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग ने भी इसके लिए 70 करोड़ देने से मना कर दिया था। केंद्र से जारी किए गए पत्र के अनुसार सतलुज से पानी उठाने के लिए अब अनुमति लेेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि एनडीबी के 745 करोड़ के टेंडर थे, इनमें पूर्व सरकार ने 225 करोड़ उपर टेंडर कर दिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में जब राशि खर्च ही नहीं हुई, तो कार्रवाई कैसे करें। उन्होंने कहा कि एनडीबी के प्रोजेक्ट की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है, जल्द ही कमेटी जांच रिपोर्ट सौंपेगी।
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