Bharmaut School बंद करने को लेकर लोगों में रोष

Update: 2024-09-04 12:13 GMT
Bangana. बंगाणा। प्रदेश सरकार द्वारा अरलू पंचायत के गांव भरमौत में राजकीय प्राथमिक पाठशाला को बंद करने पर ग्रामीणों ने विरोध का बिगुल बजा दिया है। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने स्कूल को बंद करने के निर्णय को वापस न लिया तो जल्द सडक़ों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। मंगलवार को ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता दविंद्र भुट्टो से मिला और अपनी समस्या को उनके समक्ष रखा। ग्रामीणों ने कहा कि भरमौत प्राइमरी स्कूल वर्ष 1962 में खोला गया था। आज इस स्कूल को खुले हुए 62 वर्ष का समय हो गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में स्कूल में कुल 21 बच्चे शिक्षारत है। जिसमें प्राइमरी में आठ व
नर्सरी में 13 बच्चे शामिल हैं।


उन्होंने बताया कि इस स्कूल के छह किलोमीटर दायरे में कोई स्कूल नहीं है। तीन-तीन किलोमीटर दूर से लोग यहां अपने बच्चों को पढऩे के लिए भेजते है। अगर यह स्कूल बंद होता है तो लोगों को छह किलोमीटर का सफर तय कर अन्य स्कूल में अपने बच्चे भेजने पड़ेगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस स्कूल को बंद कर क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि अगर स्कूल बंद होता है तो बच्चों को काफी दूर अन्य स्कूल में पढऩे के लिए जाना होगा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इस निर्णय पर पुर्नविचार नहीं किया तो जल्द सडक़ों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। पूर्व विधायक देवेंद्र भुटटों कहा कि कांग्रेस सरकार लोगों के लिए दुख की सरकार बन गई है। सरकार ने पहले जहां भाजपा कार्यकाल में शुुरु हुए कार्यालयों को बंद किया। वहीं अब शिक्षा का केंद्र स्कूलों को बंद करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार कुटलैहड़ के साथ भेदभाव कर रही है।
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