बोकारो एयरपोर्ट से 15 अगस्त- 2 अक्टूबर के बीच शुरू हो जाएंगी कॉमर्शियल उड़ानें
बोकारो एयरपोर्ट से 15 अगस्त से 2 अक्टूबर के बीच कॉमर्शियल फ्लाईट शुरू कर दिया जाएगा
बोकारो एयरपोर्ट से 15 अगस्त से 2 अक्टूबर के बीच कॉमर्शियल फ्लाईट शुरू कर दिया जाएगा। उड़ान सेवा शुरू करने को लेकर लाईसेंस के लिए बोकारो इस्पात प्रबंधन शुक्रवार को डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) के समक्ष आवेदन करेंगे। इससे पूर्व तमाम कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
उक्त बातें एयपोर्ट परिसर में सोमवार को उड़ान सेवा शुरू करने को लेकर आयोजित समीक्षात्मक बैठक के दौरान बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने कही। बैठक में बीएसएल की ओर से संचार प्रमुख मणिकांत धान व एयरपोर्ट अथॉरिटी से मैनेजर प्रियांका मौजूद रही। बैठक के बाद विधायक ने कहा बोकारो एयरपोर्ट के विस्तारिकरण के तमाम कार्य पूर्ण हो चुके है।
कुछ कार्य शेष बचा है जिसे अगले एक सप्ताह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। यही नहीं एयरपोर्ट परिसर में करीब 1600 वृक्ष बड़े हो चुके है जिसे हटाने के लिए वन विभाग के वरीय अधिकारियों से बात हुई है। ये सभी वृक्ष अनुपयोगी है। जिसे हटाने के साथ साथ आसपास के बूचड़खाने को हटाने की प्रक्रिया शुरू करने को लेकर जिला प्रशासन से बात की जाएगी। ताकि तय समय के अंदर बोकारो एयरपोर्ट से उड़ान सेवा शुरू कराया जा सके।
बीएसएल के संचार प्रमुख मणिकांत धान ने कहा डीजीसीए को लाईसेंस के लिए आवेदन करने के लिए तामम प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शुक्रवार को लाईसेंस के लिए आवेदन कर दिया जाएगा। यही नहीं बीएसएल की ओर से उड़ान सेवा शुरू करने को लेकर जितने भी सहयोग होंगे किए जाएंगे। एयरपोर्ट मैनेजर प्रियांका ने कहा एयरपोर्ट में बचे हुए समस्त कार्य एक सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा।
एयरपोर्ट में इंट्री और आउट वाले मार्ग पूरी तरह से बनकर तैयार है। बोकारो एयरपोर्ट का काम पूरा होने के साथ साथ लाईसेंस निर्गत होने पर बोकारो एयरपोर्ट से कोलकाता और पटना के लिए हवाई सेवा शुरू की जाएगी। जिसके बाद यदि यात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई तो देश के अन्य शहरों के लिए हवाई सेवा शुरू किया जाएगा। यही
लाइसेंस मिलने में दो माह का लग सकता है समय
जानकारों की माने तो डीजीसीए को बीएसएल की ओर से आवेदन किए जाने के बाद उच्च अधिकारियों की टीम करीब एक माह के अंदर निरीक्षण के लिए पहुंचेगी। जिसके बाद यदि एयरपोर्ट के विस्तारिकरण में कोई काम बाकि रह गया हो तो उसे दुरूस्त करने के लिए समय दिया जाता है फिर डीजीसीए की टीम निरीक्षण कर कॉमर्शियल उड़ान के लिए लाईसेंस देने की प्रक्रिया शुरू करती है। इसमें करीब एक माह का और समय लगता है।