CM येदियुरप्पा ने कहा- कर्नाटक में वैक्सीन की कमी के कारण 1 मई से शुरू नहीं हो सकेगा तीसरे चरण का टीकाकरण

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि राज्य में 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के टीकाकरण में देरी होगी क्योंकि टीके की अभी तक आपूर्ति नहीं हुई है

Update: 2021-04-30 18:30 GMT

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि राज्य में 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के टीकाकरण में देरी होगी क्योंकि टीके की अभी तक आपूर्ति नहीं हुई है. वह एक मई से 18 साल से ऊपर के लोगों के टीकाकरण को लेकर केंद्र के निर्देश पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि टीके की आपूर्ति अभी तक नहीं की गई है. टीके एक बार आने के बाद राज्य में टीकाकरण किया जाएगा.

राज्य सरकार पर उठ रहे सवालों को लेकर येदियुरप्पा ने कहा कि विफलता का सवाल कहां उठता है? हमने सोचा था कि हम टीके समय पर प्राप्त कर लेंगे लेकिन, आपूर्ति में देरी हो रही है. केंद्र हमारी कई तरीकों से मदद कर रहा है. अन्य देश भी भारत की मदद कर रहे हैं. इससे पहले दिन में कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर ने कहा एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू नहीं होगा.
1 मई से टीकाकारण का तीसरा चरण
उन्होंने कहा कि एक मई से 18 साल से 45 साल तक के लोगों का टीकाकरण शुरू करना हमारे लिए संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि टीकाकरण करने के लिए उनके पास वैक्सीन नहीं है. उन्होंने पुणे में सीरम इंस्टटीट्यूट को टीके की एक करोड़ से अधिक खुराक का ऑर्डर दिया है लेकिन, आधिकारिक समाचार यही है कि वे पूर्वनिर्धारित समय के हिसाब से कल तक हमें टीका देने को तैयार नहीं हैं.
टीकाकरण केंद्र जाने से बचने का अनुरोध
उन्होंने टीकाकरण के लिए को-विन पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले लोगों से एक मई को टीकाकरण केंद्र जाने से बचने का अनुरोध किया. मंत्री ने कहा कि सरकार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से टीकों की आपूर्ति के बारे में पुष्टि होने पर टीका लेने के पात्र लोगों को सूचित करेगी. उन्होंने कहा कि वह पहले ही टीका निर्माता कंपनी पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से कोविशील्ड टीकों की एक करोड़ खुराक खरीदने के लिए 400 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुके हैं.
मंत्री के अनुसार सीरम इंस्टीट्यूट के पास एक महीने में पांच से छह करोड़ टीके की खुराक के उत्पादन की क्षमता है जबकि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक एक से डेढ़ करोड़ टीके की खुराक का उत्पादन कर सकती है. वहीं, रूस के स्पुतनिक ने डॉ रेड्डीज लेबोरेटरी को टीका निर्माण का लाइसेंस दिया है लेकिन, उन्होंने सरकार को आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया है कि वे इसकी आपूर्ति कब करेंगे.


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