CM ने देहरा में किया ताबड़तोड़ प्रचार

Update: 2024-07-07 10:13 GMT
Dehra. देहरा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शनिवार को देहरा विधानसभा क्षेत्र के लुदरेट, नंदपुर भटोली, जलरियां, गुलेर, गठूटर तथा भटोली फकोरियां में कांग्रेस पार्टी के पक्ष में ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार किया और पार्टी प्रत्याशी कमलेश ठाकुर के पक्ष में वोट मांगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस सरकार किसी भी पौंग बांध विस्थापित परिवार को भूमिहीन नहीं रहने देगी। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इस मामले को देखेंगे और कानून भी बदलना पड़ा तो कानून बदल देंगे, लेकिन विस्थापितों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 1972 से 20,722 प्रभावित परिवार न्याय की आस में दर-दर भटक रहे हैं लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ लेकिन अब कांग्रेस सरकार उनकी समस्याओं को सुलझाएगी। उन्होंने कहा कि देहरा के पूर्व विधायक होशियार सिंह केवल छह साल तक अपने विकास में लगे रहे और देहरा की
समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया।
कभी कल्पना भी नहीं की कि देहरा इतना पिछड़ा होगा और लोगों को बिजली, पानी और सड़क की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि देहरा अब हमारा हो चुका है और यहां की समस्याओं का समाधान करना मेरा दायित्व है। उन्होंने कहा कि अच्छा होता होशियार सिंह अपना इस्तीफ़ा मंज़ूर कराने को धरना देने की बजाय देहरा की समस्याओं के लिए धरना प्रदर्शन करते। लेकिन पूर्व विधायक एक चुनी हुई सरकार को गिराने की षड्यंत्र में शामिल हो गए और भाजपा की राजनीतिक मंडी में बिक गए। एक महीने तक होशियार सिंह पंचकूला, गुड़गांव तथा हरिद्वार के महंगे होटलों में देहरा से बाहर रुके रहे। उन्होंने कहा कि इस्तीफ़ा मंज़ूर न होने के कारण भाजपा से मिलने वाली उनकी दूसरी किश्त रुकी हुई थी और अब दूसरी किश्त का अटैची उनके पास पहुंच गया है, लेकिन राज्य सरकार की इस धन पर पूरी नज़र है और होशियार सिंह यह पैसा वोट ख़रीदने के लिए इस्तेमाल करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि जनता पूर्व विधायक से डबल-ट्रिपल पैसा ले क्योंकि यह जन भावनाओं का सौदा कर कमाया हुआ धन है, लेकिन वोट कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी को दे।
सीएम सुक्खू ने कहा कि जब देहरा की जनता से पांच वर्ष के लिए होशियार सिंह को निर्दलीय विधायक के रूप में चुना था, तो उन्हें डेढ़ साल में ही त्यागपत्र देने की क्या आवश्यकता थी। अब विधायकी छोड़कर साढ़े तीन वर्ष के लिए दोबारा विधायक बनने के लिए वोट मांग रहे हैं। विधायक पद से इस्तीफ़ा देने से पहले उन्होंने देहरा के मतदाताओं से एक बार पूछा तक नहीं कि वह इस्तीफ़ा दें या न दें। उन्होंने कहा कि होशियार सिंह विधायक बनने के लिए वोट नहीं मांग रहे, बल्कि अपने अधूरे रिजॉर्ट का काम पूरा कराने के लिए वोट मांग रहे हैं। छह महीने पहले मैंने देहरा आकर क्षेत्र के लिए घोषणाएं की और होशियार कह रहे हैं कि मेरे काम कांग्रेस सरकार में नहीं हो रहे। सत्य यह है कि विधायक रहते हुए भी होशियार सिंह अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर कभी नहीं आए। विधायक को प्रति वर्ष क्षेत्र के विकास के लिए दो करोड़ मिलते हैं, होशियार सिंह बताएं छह साल के 12 करोड़ रुपए कहां गए। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक अब जनता के सामने बेनक़ाब हो चुके हैं और बिके हुए विधायक को सबक़ सिखाने के लिए तैयार है। प्रदेश की जनता ने कांग्रेस विधायकों की संख्या 34 से बढ़ाकर 38 कर दी है। यह देहरा का भाग्य ही होगा कि उनकी धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर को कांग्रेस आलाकमान ने एक सर्वे के आधार पर पार्टी का प्रत्याशी बनाकार चुनाव मैदान में उतारा है और अब क्षेत्र की का
विकास सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालने के पहले ही दिन से लोगों के कल्याण के लिए काम कर रही है। अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत 4000 अनाथ बच्चों को अपनाया है। विधवाओं और एकल महिलाओं को घर बनाने के लिए 3 लाख रुपए आर्थिक मदद के साथ-साथ उनके 27 वर्ष तक के बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च राज्य सरकार उठा रही है। 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के इलाज का खर्च कांग्रेस सरकार वहन कर रही है। गाय का दूध 45 रुपए और भैंस का दूध 55 रुपए प्रति लीटर की दर से ख़रीदा जा रहा है। मनरेगा की दिहाड़ी 240 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए की गई है। महिलाओं को 1500 रुपए पेंशन प्रदान कर रही है और देहरा की 1045 महिलाओं को तीन महीने के 4500 रुपए उनके खाते में डाल दिए गए हैं। इसके साथ ही प्रदेश के 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल की है। सीएम सुक्खू ने कहा कि आपदा में कांग्रेस सरकार ने बिना केंद्र सरकार की सहायता के प्रभावित 22 हजार परिवारों को फिर से बसाया और उनके पुनर्वास के लिए 4500 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के चोर दरवाज़े बंद कर प्रदेश की आर्थिक स्थिति में 20 प्रतिशत का सुधार लाकर 2200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है, जिससे जन कल्याण की योजनाएँ बनाकर लोगों में बांटा जा रहा है।
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