Central government के खिलाफ सीटू ने बोला हल्ला

Update: 2024-07-19 10:52 GMT
Kullu. कुल्लू। जिला मुख्यालय कुल्लू में सीटू ने केंद्र सरकार के विरूद्ध सीटू ने हल्ला बोला। केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों को लेकर ढालपुर में सीटू के बैनर तले मजदूरों के द्वारा धरना प्रदर्शन किया और डीसी कार्यालय के बाहर भी धरना दिया। वहीं, डीसी के माध्यम से केंद्र सरकार को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें मजदूरों के खिलाफ जो कानून बनाए जा रहे है। उन्हें रद्द करने की मांग रखी गई। सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा लेबर कोड लाया गया, जिससे मजदूरों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा हैं। ऐसे में ज्ञापन के माध्यम से मांग रखी गई हैं कि चार श्रम कोड (लेबर कोड) को खत्म करो और नेशनल मोनेटाईजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) को खत्म किया जाए। इसके अलावा सार्वजनिक उपक्रमों व सेवाओं के निजीकरण को बंद किया जाए और सभी श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 26
हजार रुपए प्रति माह लागू किया जाए।

सीटू नेता प्रेम गौतम ने बताया कि अनुबंध, आउटसोर्स, ठेका, फिक्स टर्म, कैजुअल, टेंपरेरी, मल्टी टास्क, मल्टी पर्पज, सैहब सोसायटी श्रमिकों के लिए नौकरी की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उन्हें समान वेतन और लाभ सुनिश्चित किया जाएं। इसके अलावा अग्निवीर, आयुधवीर, कोयलावीर और अन्य निश्चित अवधि के रोजगार को समाप्त किया जाए। असंगठित श्रमिकों के लिए सार्वभौमिक व्यापक सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित किया जाए, ईपीएफ और ईडीएलआई का बकाया न चुकाने वाले नियोक्ताओं पर दंडात्मक शुल्क कम करने वाली अधिसूचना को रद्द किया जाए। सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम ने बताया कि आंगनबाड़ी, आशा और मिड डे मील योजना कर्मियों और अन्य को श्रमिकों के रूप में मान्यता दी जाए और न्यूनतम मजदूरी व पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ सुनिश्चित किया जाए। मिड डे मील वर्कज को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 12 महीने का वेतन दिया जाए। हिमाचल प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों को ही प्री-प्राईमरी स्कूल का दर्जा दिया जाए। आईटी और आईटीईएस को श्रम कानूनों से छूट देने वाली अधिसूचनाएं रद्द की जाएं और काम के घंटे बढ़ाने के लिए वैधानिक संशोधनों को निरस्त किया जाना चाहिए। मनरेगा बजट में बढ़ोतरी की जाए। मनरेगा व निर्माण मजदूरों का श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण शुरू किया जाए।
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