बाल कल्याण समिति ने अंकिता हत्याकांड पर लिया बड़ा फैसला

Update: 2022-08-30 02:17 GMT

झारखंड। दुमका जिले में अंकिता सिंह को जलाकर मार डालने के मामले में बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने बड़ा फैसला लिया है. पुलिस के दावे को खारिज करते हुए सीडब्ल्यूसी ने कहा कि अंकिता सिंह नाबालिग थी, इसलिए शाहरुख पर POCSO की धाराएं लगेंगी. पुलिस ने अंकिता को बालिग बताया था. यानी आरोपी शाहरुख की मुश्किलें और बढ़ेंगी.

सीडब्ल्यूसी ने कहा कि कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा की मार्कशीट के अनुसार अंकिता सिंह की उम्र लगभग 16 साल थी और पुलिस के दावे के मुताबिक वह बालिग नहीं थी. दुमका सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने बताया, 'हम अनुशंसा करते हैं कि प्राथमिकी में पॉक्सो अधिनियम की धाराएं जोड़ी जाएं क्योंकि हमारी जांच के अनुसार लड़की नाबालिग थी.' अमरेंद्र कुमार के नेतृत्व में सीडब्ल्यूसी की चार सदस्यीय टीम ने सोमवार को पीड़िता के परिवार से मुलाकात की और उसकी मार्कशीट को देखा. इसके बाद अमरेंद्र ने कहा, 'अंकिता की मार्कशीट के अनुसार उसका जन्म 26 नवंबर, 2006 को हुआ था, वह नाबालिग थी, इसलिए इस मामले में POCSO अधिनियम के तहत धाराएं लागू होती हैं.'

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