खिलाड़ी की मौत मामले में दो डॉक्टरों पर आरोप तय, हाईकोर्ट पहुंचा मामला

Update: 2022-11-19 02:19 GMT

तमिलनाडु। तमिलनाडु में दो डॉक्टरों सहित पांच लोगों पर आईपीसी की धारा 304 (ए) के तहत उनकी लापरवाही के लिए मामला दर्ज किया गया था, जिसके कारण फुटबॉलर प्रिया की मौत हो गई थी। पेरवल्लूर पुलिस ने मामला दर्ज किया था और उन घटनाओं की जांच शुरू की जिसके कारण प्रिया की मौत हुई, प्रिया की मंगलवार को मौत हो गई थी।

तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग ने उन घटनाओं के क्रम की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था जिसके कारण उसकी मौत हुई थी और इसने गुरुवार को रिपोर्ट सौंपी। प्रिया की मौत के लिए ऑपरेटिंग सर्जन, थिएटर एनेस्थेटिस्ट, ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर, आर्थोपेडिक सर्जन और पोस्ट-ऑपरेटिव वार्ड स्टाफ को जिम्मेदार ठहराया गया था।

परवल्लूर पुलिस ने प्रिया के पिता रविशंकर की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया है। कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा में बदलाव किया। प्रिया क्वीन मैरी कॉलेज में बीएससी फिजिकल एजुकेशन की छात्रा थी और 20 अक्टूबर को उसके घुटने में चोट लग गई थी, जब वह यूनिवर्सिटी फुटबॉल टूनार्मेंट के लिए एक अभ्यास मैच खेल रही थी। सरकारी परिधीय अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी सर्जरी की और बाद में राजीव गांधी सरकारी सामान्य अस्पताल में उसका दाहिना पैर काट दिया गया। उसके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया और 16 नवंबर को उसकी मौत हो गई।

मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रिया के घर जाकर उनके परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य विभाग में प्रिया के बड़े भाई को नियुक्ति आदेश भी सौंपा और मृतक फुटबॉलर के परिवार को एक घर भी आवंटित किया। इस बीच, दो डॉक्टरों, पॉल रामसुंदर और सोमसुंदरम ने अग्रिम जमानत के लिए मद्रास उच्च न्यायालय का रुख किया है।


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