चांदीपुरा वायरस का कहर, 6 बच्चों की मौत, जानें कितना खतरनाक है
यह मच्छरों और रेत मक्खियों आदि द्वारा फैलता है।
अहमदाबाद: गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने सोमवार को बताया कि राज्य में पिछले पांच दिन में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस से 6 बच्चों की मौत हो गई है, जिससे संदिग्ध मामलों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। मरने वाले बच्चों में गुजरात के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश के भी हैं। उधर, राजस्थान में भी इसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है। चांदीपुरा वायरस से बुखार आता है, जिसके साथ फ्लू और तीव्र एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) जैसे लक्षण होते हैं। यह मच्छरों और रेत मक्खियों आदि द्वारा फैलता है।
पटेल ने कहा, 'इन 12 मरीजों में से चार साबरकांठा जिले से, तीन अरावली से और एक-एक महिसागर और खेड़ा से हैं। दो मरीज राजस्थान और एक मध्य प्रदेश से है। इनका उपचार गुजरात में हुआ। राज्य में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस के कारण 6 लोगों की मौत होने की बात सामने आई है, लेकिन नमूनों की जांच के नतीजे आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि ये मौत चांदीपुरा वायरस के कारण हुई हैं या नहीं।'
मंत्री ने कहा, 'छह में से पांच मौत साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल में हुईं। साबरकांठा के आठ समेत सभी 12 नमूनों को पुष्टि के लिए पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) भेजा गया है।' हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों ने 10 जुलाई को चार बच्चों की मौत का कारण चांदीपुरा वायरस होने का संदेह जताया था और पुष्टि के लिए उनके नमूने एनआईवी भेजे थे। बाद में अस्पताल में चार और बच्चों में इसी तरह के लक्षण दिखे। पटेल ने कहा, 'चांदीपुरा वायरस संक्रामक नहीं है। हालांकि, प्रभावित क्षेत्रों में गहन निगरानी की गई है। हमने 4,487 घरों में 18,646 लोगों की जांच की है। स्वास्थ्य विभाग बीमारी को फैलने से रोकने के लिए चौबीस घंटे काम कर रहा है।'
राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग की ओर से संदिग्ध संक्रामक बीमारी चांदीपुरा को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है और विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उदयपुर जिले के खेरवाड़ा ब्लॉक के दो गांवों में इस संदिग्ध बीमारी को लेकर सूचना मिली थी। जिले के चिकित्सकों को बच्चों में पाई गई इस संदिग्ध बीमारी के बारे में गंभीरतापूर्वक सावधानी बरतने और विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि गुजरात बॉर्डर पर स्थित खेरवाड़ा ब्लॉक के नलफला और अखीवाड़ा गांवों के दो बच्चों का गुजरात के हिम्मतनगर में उपचार चल रहा था। उपचार के दौरान जांच में इनको विशेष प्रकार के संक्रमण की रिपोर्ट आई है।
डॉ माथुर ने बताया कि राजस्थान में इस रोग का कोई केस दर्ज नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि दर्ज किए गए दोनों मामलों में बच्चे खेरवाड़ा ब्लॉक के हैं और इस क्षेत्र के निवासी रोजगार के लिए गुजरात के सीमावर्ती क्षेत्रों में पलायन करते हैं। उन्होंने बताया कि गत 11 जुलाई को बच्चों के संक्रमण की सूचना मिलते ही संबंधित चिकित्सा अधिकारियों को सावधानी बरतने और निगरानी बढ़ाने के निर्देश जारी कर दिए गए।
उन्होंने बताया कि चांदीपुरा रोग एक वायरल संक्रमण है जो मच्छर, घुन, रेतीली मख्खी के माध्यम से फैलता है। इसके उपचार में विलंब होने पर गंभीर स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने बताया कि चांदीपुरा संक्रमण के मुख्य लक्षण में बुखार आना, उल्टी होने और आकस्मिक दौरे पड़ना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लक्षण वाले विशेष सतर्कता बरतें और चिकित्सक की देखरेख में यथाशीघ्र उपचार कराएं। डॉ. माथुर ने बताया कि उदयपुर जिले से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार चांदीपुरा संक्रमण के गंभीर लक्षणों वाला कोई अन्य मरीज उपचारधीन नहीं है और प्रभावित रहे क्षेत्रों में आवश्यक सर्वे-निगरानी बढ़ाने, सैम्पल अविलंब एसएमएस मेडिकल कॉलेज भिजवाने, कीट-मच्छररोधी गतिविधियां संचालित करने सहित आवश्यक जनजागरूकता विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं।