नई दिल्ली: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन जल्द ही भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले हैं। उन्होंने खुद मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए इसकी पुष्टि की।
चंपई सोरेन ने कहा, "जब मैं 18 अगस्त को आया था, तब मैंने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी। पहले तो मुझे लगा कि मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा, लेकिन फिर जनता के समर्थन के कारण मैंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया। पहले तो मैंने सोचा संगठन बनाऊंगा, मगर इसके लिए अभी समय की कमी है। झारखंड की अपनी कुछ अलग परिस्थितियां है। बहुत मंथन करने के बाद मेरा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह पर विश्वास बढ़ा और मैंने भाजपा में शामिल होने का निर्णय किया।"
जब मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या वह 30 सितंबर को भाजपा में शामिल हो रहे हैं, तो उन्होंने कहा, "हां"। चंपई सोरेन सोमवार को राजधानी दिल्ली पहुंचे और देर रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झटका देकर उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन को भाजपा के साथ जोड़ने में अहम भूमिका निभाने वाले असम के मुख्यमंत्री एवं झारखंड के चुनाव सह-प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने उनके भाजपा में शामिल होने की घोषणा की।
हिमंता बिस्वा सरमा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, चंपई सोरेन और अपनी मुलाकात की तस्वीर को शेयर करते हुए एक्स पोस्ट में बताया, "झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के प्रतिष्ठित आदिवासी नेता चंपई सोरेन जी ने थोड़ी देर पहले माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। वह 30 अगस्त को रांची में आधिकारिक तौर पर भाजपा में शामिल होंगे।"
इससे पहले झारखंड में भाजपा की एक सहयोगी पार्टी आजसू के प्रमुख सुदेश महतो ने भी सोमवार को दिन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर अपनी पार्टी की संभावित सीटों के बारे में अपनी डिमांड रखी। हालांकि भाजपा और आजसू के बीच सीट बंटवारे को लेकर अभी कई और राउंड की बातचीत होनी है। लेकिन अमित शाह के साथ मुलाकात की तस्वीरों को शेयर करते हुए सुदेश महतो ने भी एनडीए को मजबूत करने की बात कही।
आजसू प्रमुख ने एक्स पर कहा, "आज नई दिल्ली में माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई। इस अवसर पर झारखंड के विकास, वर्तमान राजनीतिक हालात और आगामी विधानसभा चुनाव से संबंधित विभिन्न विषयों पर गहन चर्चा हुई। झारखंड के लिए एनडीए सरकार आवश्यक है और हम एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे।"
इसी साल 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को जब सीएम रहते हुए ईडी ने जमीन घोटाले में गिरफ्तार किया था, तो उन्होंने अपनी जगह चंपई सोरेन को सीएम की कुर्सी पर बिठाया था। जेल से बाहर आने के 4 जुलाई को हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन को हटाकर वापस सीएम की कुर्सी संभाल ली थी। तभी से चंपई सोरेन नाराज बताए जा रहे थे। हालांकि उन्होंने हेमंत सोरेन की सरकार में मंत्री पद की शपथ ली थी।