लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार से केरल के वायनाड भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह किया है। इस हादसे ने 400 से अधिक लोगों की जान ले ली है। हालांकि, राहुल की इस मांग में उनकी पार्टी कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के एक मंत्री द्वारा संसद में 2013 में दिए गए जवाब सबसे बड़ी बाधा बनकर उभर रही है। उस समय मंत्री ने कहा था कि केंद्र सरकार के नियमों के तहत राष्ट्रीय आपदा की कोई अवधारणा मौजूद नहीं है। आपको बता दें कि शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वायनाड के दौरे पर हैं। इस दौरान वह वहां चल रहे राहत और पुनर्वास कार्यों का मूल्यांकन करेंगे और क्षेत्र में हाल ही में हुए भूस्खलन के पीड़ितों से मिलेंगे। 2013 के एक संसदीय दस्तावेज से पता चलता है कि तत्कालीन गृह राज्य मंत्री ने कहा था कि प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा था, " मुल्लापल्ली रामचंद्रनCentral government केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत राष्ट्रीय आपदा की अवधारणा मौजूद नहीं है। यह एक ऐसा तथ्य है जो यूपीए सरकार के कार्यकाल से ही जारी है।'' यह बात तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने 6 अगस्त 2013 को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में स्पष्ट रूप से कही थी।
उन्होंने यह भी कहा था कि प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर आवश्यक बचाव और राहत उपाय करने के लिए संबंधित राज्य सरकारें मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा था कि प्राकृतिक आपदा के संदर्भ में तत्काल राहत और प्रतिक्रिया सहायता प्राथमिकता है। ऐसे में कोई निश्चित निर्धारित Criteria मानदंड नहीं है। जवाब में उन्होंने कहा था कि गंभीर प्रकृति की आपदा के लिए स्थापित प्रक्रिया का पालन करने के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से अतिरिक्त सहायता पर विचार किया जाता है। 30 जुलाई को वायनाड जिले के मुंदक्की, चूरलमाला और वेल्लारीमाला गांवों में भूस्खलन के बाद कम से कम 400 लोगों की मौत हो गई और कई लापता हैं। इसे केरल को प्रभावित करने वाली सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जाता है।