केंद्र सरकार सख्त! ट्विटर को जारी हुआ फाइनल नोटिस, दी ये चेतावनी

Update: 2021-02-03 10:01 GMT

किसानों के नरसंहार वाले ट्विटर हैशटैग पर केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. सरकार ने इस मसले पर ट्विटर को फाइनल नोटिस जारी किया है और कहा है कि अगर ट्विटर ने सरकार की बात नहीं मानी तो कार्रवाई की जाएगी.

ये नोटिस सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से तब भेजा है जब सोमवार को ऐसे 250 ट्विटर अकाउंट बहाल कर दिए गए जिन्हें मंत्रालय की शिकायत पर ब्लॉक किया गया था. पांच पेज के इस नोटिस में काफी सख्ती दिखाई गई है. नोटिस में लिखा गया है कि #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग के साथ ट्विटर पर कंटेंट पोस्ट किया गया जो तथ्यात्मक तौर पर गलत था और उसका मकसद नफरत पैदा करना था. नोटिस में सरकार ने कहा, ''ये एक मोटिवेटेड कैंपेन है जो समाज में तनाव पैदा करने के लिए बिना किसी आधार के चलाया गया.''
नोटिस में ये भी कहा गया है कि नरसंहार को प्रोत्साहन देने फ्रीडम ऑफ स्पीच नहीं है, ये कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है. दिल्ली गणतंत्र दिवस पर हिंसा देख चुकी है.
बता दें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं. खासकर, देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर भारी तादाद में किसान डटे हुए हैं. 26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा भी हुई. दूसरी तरफ सीमाओं पर सुरक्षा भी टाइट की जा रही है. ऐसे में ट्विटर पर भी किसान आंदोलन को लेकर लोग अपनी राय रखते रहते हैं.
इसी कड़ी में ट्विटर पर हाल ही में किसानों के नरसंहार वाले हैशटैग के साथ लोगों ने ट्वीट किए. ट्विटर पर ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग चलाया गया था. सरकार ने ट्विटर को ऐसे अकाउंट पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, जिन्होंने इस हैशटैग के साथ ट्वीट किए. लेकिन ट्विटर ने खुद ही ऐसे अकाउंट बहाल कर दिए.
इसी को देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से ट्विटर को नोटिस जारी किया गया है और कहा गया है कि ट्विटर को सरकार का निर्देश मानना होगा नहीं तो कार्रवाई होगी. सरकार के नोटिस में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसलों का हवाला भी दिया गया है और कहा गया है कि ट्विटर अदालत की तरह फैसले नहीं कर सकता है.
किसानों के नरसंहार वाले ट्विटर हैशटैग पर केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया है. सरकार ने इस मसले पर ट्विटर को फाइनल नोटिस जारी किया है और कहा है कि अगर ट्विटर ने सरकार की बात नहीं मानी तो कार्रवाई की जाएगी.
ये नोटिस सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से तब भेजा है जब सोमवार को ऐसे 250 ट्विटर अकाउंट बहाल कर दिए गए जिन्हें मंत्रालय की शिकायत पर ब्लॉक किया गया था. पांच पेज के इस नोटिस में काफी सख्ती दिखाई गई है. नोटिस में लिखा गया है कि #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग के साथ ट्विटर पर कंटेंट पोस्ट किया गया जो तथ्यात्मक तौर पर गलत था और उसका मकसद नफरत पैदा करना था. नोटिस में सरकार ने कहा, ''ये एक मोटिवेटेड कैंपेन है जो समाज में तनाव पैदा करने के लिए बिना किसी आधार के चलाया गया.''
नोटिस में ये भी कहा गया है कि नरसंहार को प्रोत्साहन देने फ्रीडम ऑफ स्पीच नहीं है, ये कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है. दिल्ली गणतंत्र दिवस पर हिंसा देख चुकी है.
बता दें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं. खासकर, देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर भारी तादाद में किसान डटे हुए हैं. 26 जनवरी को दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा भी हुई. दूसरी तरफ सीमाओं पर सुरक्षा भी टाइट की जा रही है. ऐसे में ट्विटर पर भी किसान आंदोलन को लेकर लोग अपनी राय रखते रहते हैं.
इसी कड़ी में ट्विटर पर हाल ही में किसानों के नरसंहार वाले हैशटैग के साथ लोगों ने ट्वीट किए. ट्विटर पर ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग चलाया गया था. सरकार ने ट्विटर को ऐसे अकाउंट पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, जिन्होंने इस हैशटैग के साथ ट्वीट किए. लेकिन ट्विटर ने खुद ही ऐसे अकाउंट बहाल कर दिए.
इसी को देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से ट्विटर को नोटिस जारी किया गया है और कहा गया है कि ट्विटर को सरकार का निर्देश मानना होगा नहीं तो कार्रवाई होगी. सरकार के नोटिस में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसलों का हवाला भी दिया गया है और कहा गया है कि ट्विटर अदालत की तरह फैसले नहीं कर सकता है.


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