केंद्र सरकार ने 'पीएम दक्ष पोर्टल' किया लॉन्च, रोजगार को बढ़ावा देने के लिए दी जाएगी स्किल ट्रेनिंग
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने आज ‘पीएम-दक्ष पोर्टल और एप की शुरुआत की.
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने आज 'पीएम-दक्ष पोर्टल और एप की शुरुआत की. ये पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जातियों और सफाई कर्मचारियों के लिए कौशल विकास योजनाओं को सुलभ बनाने को लेकर शुरू किया गया. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा वर्ष 2020-21 से 'प्रधानमंत्री दक्ष और कुशल सम्पन्नता हितग्राही (पीएम-दक्ष) योजना' लागू की जा रही है. इस योजना के तहत योग्य लोगों को ये सब ट्रेनिंग दी जाएंगी. वहीं बताया ता रहा है सरकारी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट देंगे, जिनका गठन सरकारा का मंत्रालय करेगा या फिर अन्य विश्वसनीय संस्थान करेंगे.
अब कोई भी व्यक्ति 'पीएम-दक्ष' पोर्टल पर जाकर कौशल विकास प्रशिक्षण (Skill development training) से संबंधित सभी जानकारी एक ही स्थान पर प्राप्त कर सकता है. इसके अलावा, केवल एक क्लिक के साथ, कोई भी अपने आस-पास हो रहे कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है और वह आसानी से योग्य ट्रेनिंग के लिए खुद को रजिस्टर्ड कर सकता है.
मंत्री ने राष्ट्रीय सम्मेलन की भी अध्यक्षता की
कुमार ने कहा कि इस पोर्टल की कुछ प्रमुख विशेषताओं में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और सफाई कर्मचारियों के लिए कौशल विकास से संबंधित सभी सूचनाओं की उपलब्धता, ट्रेनिंग संस्थान के साथ रजिस्ट्रेशन की सुविधा और किसी के हित के कार्यक्रम के लिए सुविधा शामिल है. व्यक्तिगत जानकारी से संबंधित वांछित दस्तावेज अपलोड करने की सुविधा, ट्रेनिंग अवधि के दौरान चेहरे और आंखों की स्कैनिंग के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज करने की सुविधा और प्रशिक्षण के दौरान फोटो और वीडियो क्लिप के माध्यम से निगरानी की सुविधा आदि शामिल हैं.
मंत्री ने डिजिटल बेस्ट प्रैक्टिसेज और नॉर्थ ईस्ट समिट पर राष्ट्रीय सम्मेलन की भी अध्यक्षता की.देश की स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष (आज़ादी का अमृत महोत्सव) का जश्न मनाते हुए, शिखर सम्मेलन का उद्देश्य डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से बौद्धिक और विकासात्मक विकलांग व्यक्तियों को सशक्त बनाना था.कुमार ने विकलांग व्यक्तियों के अधिकारिता विभाग से इस सम्मेलन को 'दिव्यांगजन' की अधिक भागीदारी के साथ पूरे देश में फैलाने के लिए कहा क्योंकि उनका मानना है कि वास्तविक हितधारकों की उपस्थिति के बिना कुछ भी चर्चा नहीं की जा सकती है.