केंद्र सरकार पीएफआइ पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में, सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) को प्रतिबंधित संगठन की सूची में डालने की तैयारी में है

Update: 2021-04-29 10:33 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: नई दिल्ली, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) को प्रतिबंधित संगठन की सूची में डालने की तैयारी में है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन पीएफआइ से जुड़ा है और पीएफआइ के पदाधिकारियों का प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) से जुड़े होने का पता लगा है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और एएस बोपन्ना की पीठ ने मेहता से सवाल किया कि क्या पीएफआइ पर प्रतिबंध लगाया गया है? इसके जवाब में मेहता ने कहा, कई राज्यों में पीएफआइ प्रतिबंधित है। मेरी सूचना के अनुसार केंद्र भी इसे प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया में है। इस पर पीठ ने कहा, यह अभी तक प्रतिबंधित नहीं है। इस पर पिछले साल दिसंबर में दाखिल एक हलफनामा पढ़ते हुए मेहता ने कहा, नहीं।
पीएफआइ के कई पदाधिकारी सिमी से जुड़े पाए गए थे। पीएफआइ से कथित तौर पर संबंध रखने के आरोप में चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के प्रविधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इनमें सिद्दीक कप्पन के अलावा अतिक-उर रहमान, मसूद अहमद और आलम शामिल हैं।
हवाला के जरिये धन इकट्ठा कर रहा पीएफआइ
राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) ने हाल ही में केरल में नेशनल डेवलपमेंट फंड नाम से एक अन्य संगठन गठित किया है। यह उस संगठन के नाम पर खाड़ी के देशों से चंदा एकत्रित कर रहा है। पीएफआइ का नाम नागरिकता कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश में हिंसक घटनाएं करवाने में आया था। चंदे से प्राप्त होने वाली धनराशि से पीएफआइ अपना विस्तार कर रहा है और नए सदस्य भर्ती कर रहा है।
हवाला के जरिये धन विदेश से आ रहा है और देश के भीतर भी उसका लेन-देन हो रहा है। ऐसा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में सामने आया है। जांच में पता चला है कि पीएफआइ ने केवल यूएई से 50 हजार दिरहम (9.90 लाख रुपये) से ज्यादा की धनराशि एकत्रित की है। उसका लक्ष्य यूएई से 12.5 लाख दिरहम एकत्रित करने का है।


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