रांची: झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने कैश कांड में गिरफ्तार कांग्रेस से निलंबित तीनों विधायकों की संसाधन के अभाव के कारण सुनवाई में अनुपस्थित रहने की दलील को खारिज कर दिया है। स्पीकर ने एक बार फिर जमानत मिलने पर कोलकाता में मौजूद तीनों विधायकों को विशेष दूत से नोटिस थमाते हुए सात सितंबर को निर्धारित की गई सुनवाई में डिजिटल माध्यम से मौजूद रहने को कहा है।
इन विधायकों की असुविधा को ध्यान में रखते हुये विधानसभा की ओर से तकनीकी मदद के लिये संसाधनों से लैस प्रतिनिधि मुहैया कराने का विकल्प भी दिया गया है। सरकार गिराने की साजिश के आरोप में 49 लाख रुपये कैश के साथ 30 जुलाई को कोलकाता से गिरफ्तारी के बाद निलंबित कांग्रेस के तीनों विधायकों डॉ. इरफान अंसारी, नमन विक्सल, राजेश कच्छप को सशर्त जमानत मिली है। वे कोलकाता में ही रह रहे हैं।
इस आरोप की शिकायत के आधार पर इनकी सदस्यता रद्द किये जाने के केस में स्पीकर न्यायाधिकरण में एक सितंबर को पहली सुनवाई के दौरान तीनों विधायक अनुपस्थित रहे और इसका कारण संसाधनों का अभाव बताया। स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट के एक न्याय निर्णय जिसमें कहा गया है कि इस तरह के मामले तीन महीने में निपटाये जाएं को आधार बनाकर सुनवाई प्रक्रिया तेज करने का निर्णय लिया है। एक सितंबर को सुनवाई के बाद पांच सितंबर की तारीख तय की गई थी, लेकिन विधानसभा के विशेष सत्र को ध्यान में रखते हुये स्पीकर ने अगली सुनवाई सात सितंबर निर्धारित कर दी है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने स्पीकर से हेमंत सरकार गिराने की साजिश में कैश के साथ गिरफ्तार तीनों विधायकों के खिलाफ शिकायत की है। इन पर यह भी आरोप है कि इन्होंने कांग्रेस के अन्य तीन विधायकों कुमार जयमंगल, भूषण बाड़ा व शिल्पी नेहा तिर्की को सरकार गिराने के लिए ऑफर दिया था। इसके लिए मंत्री पद और 10-10 करोड़ की पेशकश की गई थी।