भारतीय मुसलमानों पर बोले कनाडाई नेता, मोदी सरकार को कही यह बात

Update: 2022-04-14 10:56 GMT

नई दिल्ली: भारत में रामनवमी के मौके पर कई शहरों और कस्बों में हिंसा भड़क उठी और भीड़ ने जमकर आगजनी की. इसे लेकर कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह ने भारत पर निशाना साधा है. उन्होंने भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के बढ़ते खतरे पर चिंता व्यक्त की है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर भारतीय मूल के कनाडाई नेता ने मुस्लिम विरोधी भावना को भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो इसे खत्म करे.

जगमीत सिंह ने गुरुवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा, 'मैं भारत में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा की तस्वीरों, वीडियो और जानबूझ कर दी जा रही धमकियों को लेकर बेहद चिंतित हूं. मोदी सरकार को मुस्लिम विरोधी भावनाओं को भड़काना बंद करना चाहिए. लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा होनी चाहिए. हर जगह शांति स्थापित करने में कनाडा एक मजबूत भूमिका निभा सकता है.'
कनाडा के अलावा अमेरिका ने भी भारत के मानवाधिकार उल्लंघनों पर चिंता जताई है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सोमवार को कहा कि अमेरिका भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों पर कड़ी नजर बनाए है. उन्होंने कहा, 'हम मानवाधिकार के साझे मूल्यों पर लगातार भारत से बातचीत करते रहते हैं. भारत में कुछ सरकारों, पुलिस और जेल अधिकारियों की तरफ से मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों पर हमारी नजर है.'
रामनवमी के मौके पर भारत के कई राज्यों से हिंसा की खबरें सामने आईं. रामनवमी को लेकर देश भर में शोभा यात्रा, उत्सव जुलूस निकाला गया और इसी दौरान सांप्रदायिक तनाव, हिंसा, आगजनी की खबरें सामने आईं. मध्यप्रदेश के खरगोन में रामनवमी के जुलूस पर पथराव किया गया जिसके बाद हिंसा भड़क उठी.
हिंसा पर काबू करने की कोशिश में एक एसपी को गोली लगी जिससे वो जख्मी हो गए. रामनवमी के अगले दिन भी हिंसा जारी रही. मामले में पुलिस ने अब तक 100 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सरकार ने हिंसा में शामिल आरोपियों के अवैध संपत्तियों को भी तोड़ दिया है.
इस मामले में अब तक 16 घरों और 29 दुकानों को बुलडोजर का इस्तेमाल कर ध्वस्त कर दिया गया है. इन घरों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना एक मुस्लिम महिला हसीना फखरू का घर भी शामिल है. पुलिस का कहना है कि वो आरोपियों की अवैध संपत्ति को ध्वस्त कर रही है लेकिन मुस्लिम धर्मगुरुओं का आरोप है कि पुलिस प्रशासन इस मामले में जानबूझ कर केवल मुस्लिम समुदाय को निशाना बना रहा है.
मध्यप्रदेश के अलावा रामनवमी के दिन गुजरात, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार आदि राज्यों से भी हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आईं.



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