Shimla. शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इस दौरान शिमला जिले के धमवारी, चंबा के साहो और कांगड़ा के चचियां में आवश्यक पदों के सृजन और भरने के साथ नई उपतहसील खोलने का भी निर्णय लिया गया। इसके साथ ही कांगड़ा जिला की उपतहसील पंचरुखी को तहसील के रूप में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया गया है।मंत्रिमंडल ने सिरमौर में मौजूदा ब्लॉक प्राथमिक शिक्षा कार्यालय शिलाई को विभाजित करके ब्लॉक प्राथमिक शिक्षा कार्यालय रोहनाट के निर्माण को मंजूरी दी। विकास खंड लंबागांव की तीन ग्राम पंचायतों अर्थात मटियाल, कुडाल और धडोल को कांगड़ा जिले के विकास खंड बैजनाथ में स्थानांतरित करने का भी निर्णय लिया गया। वहीं, मंत्रिमंडल ने केंद्र से किशाऊ बहुउद्देश्यीय परियोजना के विद्युत घटक के लिए 90:10 वित्तपोषण फार्मूला अपनाने के आग्रह को दोहराया, जो जल घटक के लिए अपनाए गए फार्मूले के समान है।
इसके स्थान पर अंतरराज्यीय समझौते के तहत विद्युत घटक के लिए राज्य सरकार द्वारा देय संपूर्ण राशि के लिए 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करने का प्रस्ताव रखा गया। कैबिनेट में पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट के लिए अढ़ाई लाख रुपए प्रति मेगावाट पहले दस साल के लिए ग्रीन एनर्जी डिवेलपमेंट चार्जेज तय किए हैं, जबकि दस साल के बाद इसे बढ़ाकर दोगुना यानि पांच लाख रुपए प्रति मेगावट किया जाएगा। कैबिनेट ने पांच मेगावाट से ऊपर की पनबिजली और सौर ऊर्जा परियोजनाओं के साथ ग्रीन हाइड्रोजन, बायोमास और पंप स्टोरेज परियोजनाओं के आबंटन और निगरानी का अधिकार ऊर्जा विभाग को सौंपने का निर्णय लिया है। नालागढ़ में एक मेगावाट की ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है। राज्य में जहां कहीं जलविद्युत परियोजनाएं स्थापित हैं, उनके साथ ही पंप स्टोरेज परियोजनाएं लगाने का भी प्रावधान है। हाइड्रो पावर के लिए जो पानी इक_ा किया जाता है, उस पानी को पंप से ऊंचाई पर ले जाकर उसे बिजली का उत्पादन भी किया जा सकता है। ऐसे में ऊर्जा क्षेत्र में प्रदेश में यह नया कॉन्सेप्ट डिवेलप किया जाएगा,