Budget: हिमाचल में कम हो सकता है अगले बजट का आकार

Update: 2024-10-15 09:38 GMT
Shimla. शिमला। हिमाचल में अगले वित्त वर्ष के बजट का आकार बढऩे के बजाय कम भी हो सकता है। कैपिटल एक्सपेंडिचर में कमी और राजस्व घाटा अनुदान में कटौती को देखते हुए अभी ऐसी आशंका है। इसी कारण राज्य के वित्त सचिव ने सरकारी विभागों के साथ प्री-बजट कंसल्टेशन शुरू कर दी है। सोमवार को कुल 12 विभागों के साथ फाइनेंस सेक्रेटरी देवेश कुमार ने बैठक की है। हिमाचल सरकार ने अगले वित्त वर्ष के बजट पर काम शुरू कर दिया है। वित्त विभाग के प्रधान सचिव ने सोमवार को जलशक्ति विभाग, परिवहन, एचआरटीसी, शहरी विकास, टीसीपी, पर्यटन, आबकारी एवं कराधान, गृह विभाग, पुलिस, जेल और फायर इत्यादि के साथ चर्चा की है। इन विभागों की जरूरत को वित्त विभाग ने नोट कर लिया है और कैपिटल एक्सपेंडिचर को लेकर भी कुछ नए निर्देश दिए हैं। इसके बाद वित्त विभाग अब बजट का एक ड्राफ्ट बनाएगा, जिसे जनवरी के महीने में विधायक प्राथमिकता बैठकों और महालेखाकार से सरकार की प्राप्तियां को लेकर आने वाले स्टेटमेंट के बाद
फाइनल किया जाएगा।


तब तक राज्य का एनुअल प्लान भी तय हो जाएगा। अगले वित्त वर्ष में रेवेन्यू डिफिसिट ग्रांट भी 6000 करोड़ से कम होकर 3200 करोड़ रुपए रह जाएगी। वर्तमान वित्त वर्ष में भी प्रतिबद्ध देनदारियों के कारण विकास कार्यों पर पैसा उतना खर्च नहीं हो पाया है। वाटर सेस जैसी कुछ मदों में प्रोजेक्शन के बावजूद कलेक्शन न होने के कारण बजट का कुल आकार भी प्रभावित हुआ है। इसलिए अगले साल के बजट में वित्त विभाग को एक्चुअल आंकड़ों पर ही भरोसा करना होगा। विभागों के साथ यह चर्चा अगले दो दिन भी जारी रहेगी और उसके बाद कुछ बड़े विभागों के साथ मुख्यमंत्री सुक्खू खुद भी बैठक लेंगे। हिमाचल सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए 58 हजार करोड़ रुपए का कुल बजट बनाया था, लेकिन कलेक्शन कम होने के कारण 4000 करोड़ की कमी इसमें रह गई है। यह बात खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी बता चुके हैं। इसीलिए अब राज्य सरकार के सामने अगले वित्त वर्ष के बजट के लिए एक्चुअल लक्ष्य तय करने की जिम्मेदारी है।
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