दिव्‍यांग सर्टिफिकेट के लिए रिश्वत, क्लर्क का स्टिंग पहुंचा कलेक्टर के पास

जल्द होगी कार्रवाई

Update: 2022-04-27 01:25 GMT

यूपी। गोरखपुर सीएमओ कार्यालय के दिव्यांग बोर्ड में दलाली का मामला खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। संविदा क्लर्क के बाद स्थायी क्लर्क दिव्यांग से प्रमाणपत्र बनावाने के नाम पर पांच हजार घूस मांग रहे थे। दिव्यांग ने उनका स्टिंग कर सबूत डीएम विजय किरन आनंद को सौंप दिया। डीएम ने क्लर्क के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश सीएमओ को दिया है। बताया जा रहा है कि बुधवार को क्लर्क के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो जाएगा।

सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे की तमाम कवायद के बावजूद कार्यालय से भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो पा रहा है। इस बार दिव्यांग ने वीडियो क्लिप के जरिए दिव्यांग बोर्ड के क्लर्क सत्य प्रकाश शुक्ला के भ्रष्टाचार की पोल खोली है। क्लर्क प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अभ्यर्थी से पांच हजार रुपये मांग रहा है। वीडियो में क्लर्क दावा कर रहा है कि उसके पास ऐसी तीन पत्रावलियां और हैं, उसी के साथ इसे भी साइन करवा दूंगा। डीएम विजय किरन आनंद ने इसे गंभीरता से लेते हुए सीएमओ को निर्देश दिया है कि क्लर्क के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराएं। इसकी विस्तृत जांच कर आख्या प्रस्तुत करें। डीएम ने निर्देश के साथ ही पेन ड्राइव में वीडियो क्लिप भी भेजा है। उन्होंने आशंका जताई है कि कार्यालय के अन्य कर्मी भी इस भ्रष्टाचार में संलिप्त हो सकते हैं। इसकी भी जांच की जाए।

बताया जाता है कि क्लर्क को लेकर सीएमओ से किसी ने शिकायत की थी। पिछले गुरुवार को सीएमओ ने दो दलालों को दिव्यांग बोर्ड के पास से पकड़ा। उस दिन संविदा पर तैनात डाटा एंट्री ऑपरेटर को सेवा से हटा दिया। उसके बाद से ही पटल क्लर्क सत्यप्रकाश रडार पर थे। बीते शनिवार को सीएममओ ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया था। इसके साथ ही उनसे दिव्यांग बोर्ड की जिम्मेदारी छीन ली थी। अब एक और मामला सामने आ गया। सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे का कहना है कि मैं एक मुकदमे के संबंध में लखनऊ आया हूं। बुधवार को सुबह आ जाउंगा। उसके बाद संबंधित क्लर्क के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इसकी विस्तृत जांच की जाएगी। किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।


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