आम लोगों को बड़ी राहत, होम, कार और पर्सनल लोन की ब्याज दरें घटीं

आरबीआई के रेपो रेट घटाने से आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी. इससे होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन सहित तमाम तरह के खुदरा लोन की ब्‍याज दरें भी घट जाएंगी. बैंकों के ज्‍यादातर लोन अभी रेपो रेट जैसे बाहरी बेंचमार्क से जुड़े हुए हैं. लिहाजा इसमें हुई कटौती का सीधा असर इन लोन की ब्‍याज दरों पर भी पड़ेगा और हर महीने जाने वाली ईएमआई भी कम हो जाएगी.

Update: 2025-02-07 05:10 GMT

नई दिल्ली: इनकम टैक्स में मिडिल क्लास को राहत के बाद अब मिडिल क्लास को सस्ते लोन का तोहफा मिला है। आरबीआई के गवर्नर ने संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि छह सदस्यीय समिति ने आम सहमति से रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत करने का निर्णय किया है। इसके साथ, एमपीसी ने अपने रुख को 'तटस्थ' बनाये रखने का निर्णय किया है। एमपीसी लगभग पांच साल के बाद रेपो रेट में 0.25 फीसद की कटौती की है। कटौती फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। बता दें रेपो रेट पिछले दो साल से 6.50 फीसद पर स्थिर था।

आरबीआई ने पिछली बार मई, 2020 में कोरोना महामारी के समय रेपो रेट को 0.40 फीसद घटाकर चार फीसद किया था। फिर रूस-यूक्रेन युद्ध के जोखिमों से निपटने के लिए आरबीआई ने मई, 2022 में दरों में बढ़ोतरी करनी शुरू की थी और यह सिलसिला फरवरी, 2023 में जाकर रुका था।
आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है, जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 6.4 प्रतिशत पर रहने के अनुमान को बरकरार रखा है। वहीं खुदरा मुद्रास्फीति अगले वित्त वर्ष में 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 4.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गई है।
महंगाई के बारे में आरबीआई गवर्नर संजय मलहोत्रा ने कहा, " नई फसल की आवक के साथ खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी आएगी।" भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत, पर वैश्विक चुनौतियों से अछूती नहीं है। मल्होत्रा ने बताया कि मौद्रिक नीति रूपरेखा की शुरूआत के बाद से औसत मुद्रास्फीति कम रही है।
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