BREAKING: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जेएसडब्ल्यू का नोटिस

Update: 2024-10-15 09:46 GMT
Shimla. शिमला। हिमाचल सरकार द्वारा किन्नौर जिला में कड़छम वांगतू प्रोजेक्ट चला रही जेएसडब्ल्यू यानी जिंदल साउथ वेस्ट कंपनी को दिए गए कारण बताओ नोटिस की गूंज सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। कंपनी के एडवोकेट एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में इस नोटिस को सोमवार को मेंशन किया है। चिदंबरम ने शिकायत की है कि एक तरफ पर सुप्रीम कोर्ट केस सुन रहा है और दूसरी तरफ हिमाचल सरकार नोटिस दे रही है। इस मामले की सुनवाई अब मंगलवार को हो सकती है। गौरतलब है कि जेएसडब्ल्यू कंपनी हिमाचल सरकार की ऊर्जा नीति के अनुसार सितंबर, 2023 से 18 फ़ीसदी रॉयल्टी देने को तैयार नहीं है। कंपनी 12 फ़ीसदी रॉयल्टी दे रही है और छह फ़ीसदी रॉयल्टी भारत सरकार के एक फैसले के आधार पर
नहीं दे रही।


इस पूरे मामले में ऊर्जा निदेशालय की लापरवाही के कारण राज्य सरकार हाई कोर्ट में केस हार गई है। इसीलिए अब हिमाचल हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देनी पड़ी है। एक प्रोजेक्ट से सिर्फ छह फ़ीसदी रॉयल्टी न आने के कारण हर साल राज्य को 150 करोड़ का नुकसान होता है। जेपी कंपनी ने 1045 मेगावाट का कड़छम वांगतू प्रोजेक्ट बनाया था। बाद में इसे जेएसडब्ल्यू ने खरीद लिया। हिमाचल सरकार अब गंभीरता के साथ इसे सुप्रीम कोर्ट में लडऩा चाह रही है। हालांकि पावर सेक्टर में सुप्रीम कोर्ट में यह अकेला केस नहीं है। एक तरफ भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के एरियर का मामला लटका हुआ है, तो दूसरी तरफ जोगिंद्र नगर के शानन पावर हाउस का मामला भी अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
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