BJP-NCP ने लॉकडाउन के विरोध करने में हैं साथ-साथ, कहा-ट्रीटमेंट से ही कोरोना को कंट्रोल किया जाए
अमित शाह और शरद पवार के बीच अहमदाबाद में मुलाकात हुई
अभी यह चर्चा गरम ही थी कि अमित शाह और शरद पवार के बीच अहमदाबाद में मुलाकात हुई. मुलाकात हुई तो क्या बात हुई? कि इस मुलाकात का असर दिखने लगा और दूरियां, नजदीकियां बन गईं. अजब इत्तिफ़ाक है. मामला यह कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव, चिकित्सा विशेषज्ञों के टास्कफोर्स और जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों और सिविल सर्जन्स के साथ अहम बैठक कीं. राज्य में कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि राज्य में जमाबंदी (धारा 144) से काम नहीं चलेगा. लॉकडाउन अटल है और लॉकडाउन की तैयारी शुरू कर दी जाए.
बीजेपी ने इस विचार का कड़ा विरोध किया. नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस और प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने साफ तौर से कहा कि लॉकडाउन कोई विकल्प नहीं है. बल्कि टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट से ही कोरोना को कंट्रोल किया जाए. भाजपा का विरोध तो समझ आता है लेकिन अचरज तो तब होता है जब इसमें एनसीपी का सुर भी भाजपा से जुड़ जाता है. इससे उस संदेह को हवा मिल जाती है कि कहीं वाकई में तो एनसीपी और भाजपा 'हम साथ-साथ हैं'का गाना तो नहीं गा रही है. कम से कम लॉकडाउन के मुद्दे पर एनसीपी के विरोध से तो यही समझ आता है.
NCP ने CM के निर्देश का किया विरोध
एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने लॉकडाउन को लेकर एनसीपी की राय स्पष्ट की. उन्होंने कहा कि यह ठीक है कि राज्य में कोरोना तेजी से बढ़ रहा है और इसी वजह से मुख्यमंत्री लॉकडाउन लगाने का विचार कर रहे हैं. लेकिन लॉकडाउन अंतिम विकल्प नहीं हो सकता. लाकडाउन का बोझ राज्य नहीं उठा सकता. जनता लॉकडाउन को नहीं झेल पाएगी. लॉकडाउन लगाने पर विचार करने से बेहतर है कि हम स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाएं. NCP की यही भूमिका है. मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सक्षम करने का निर्देश दिया है. लोगों को भी नियमों का पालन सख्ती से करना चाहिए. नियमों का पालन सही तरह से किया जाएगा तो कोरोना नहीं बढ़ेगा. हम यह आग्रह मुख्यमंत्री से करेंगे.
उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी लॉकडाउन का विरोध किया
इधर प्रसिद्ध उद्योगपति और महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी उद्धव ठाकरे के लॉकडाउन की तैयारी के निर्देश की आलोचना की. उन्होंने लॉकडाउन का विरोध करते हुए एक ट्वीट कर अपने विचार रखे. उन्होंने लिखा, "उद्धव जी, समस्या यह है कि लॉकडाउन से सबसे ज्यादा नुकसान गरीब, प्रवासी मजदूरों और छोटे व्यापारियों को होता है. मूल लॉकडाउन इसलिए लाया गया था ताकि अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधाएं सुधारने का वक्त मिल सके. हमें स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए और मृतकों की संख्या में कमी लाने की कोशिश करनी चाहिए." यानी लॉकडाउन लगाने के मुद्दे पर धीरे-धीरे शिवसेना अकेली पड़ती जा रही है.
राज्य में कोरोना बेलगाम, 102 की गई जान
वैसे मुख्यमंत्री उद्धव की चिंता समझी जा सकती है. महाराष्ट्र में कोरोना सोमवार भी बेलगाम होता हुआ दिखाई दिया. राज्य में सोमवार को 31 हजार 643 नए केस सामने आए. यानी आंकड़ा 30 हजार से नीचे जा ही नहीं रहा. वो भी तब जब आम तौर पर सोमवार को आंकड़ा अक्सर कम आता है क्योंकि रविवार को छुट्टी होने की वजह से टेस्टिंग कम हो पाती है. इसके बावजूद आंकड़ा इतना पहुंच रहा है, इससे स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है. मृतकों की बात करें तो सोमवार को राज्य में 102 लोगों की मौत हुई. सबसे ज्यादा मौत नागपुर में हुई. कुल 102 में से सिर्फ नागपुर से 55 लोगों की मृत्यु की संख्या सामने आई. ये आंकड़े वाकई में डराने वाले हैं. अब देखना यह है कि लॉकडाउन को लेकर मुख्यमंत्री क्या फैसला लेने वाले हैं.