केंद्र सरकार को मिली बड़ी सफलता, त्रिपुरा के उग्रवादी संगठन ने हिंसा का रास्ता छोड़ा

Update: 2021-09-09 04:35 GMT

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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नागालैंड में मोदी सरकार को बड़ी सफलता हाथ लगी है. नागालैंड में सक्रिय नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (के) निकी ग्रुप ने सीजफायर समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. ये समझौता 8 सितंबर 2021 से एक साल तक लागू रहेगा. इस समझौते के साथ ही निकी ग्रुप के 200 से ज्यादा काडर अपने 83 हथियारों के साथ शांति प्रक्रिया में शामिल हो गए हैं. केंद्र सरकार ने इससे पहले NSCN (IM) के साथ फ्रेमवर्क एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं. जबकि, NSCN (NK), NSCN (R) और NSCN (K)-खांगो के साथ सीजफायर समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं.

इससे पहले केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में त्रिपुरा के उग्रवादी संगठन NLFT (SD) के साथ समझौता किया था, जिसके तहत 88 काडर ने 44 हथियारों के साथ सरेंडर किया था. जनवरी 2020 में बोडो एग्रीमेंट हुआ था, जिसके तहत 2,250 से ज्यादा उग्रवादियों ने 423 हथियारों के साथ सरेंडर किया था. इसी साल 23 फरवरी को असम में कार्बी समूह के 1,040 से ज्यादा नेताओं और काडर ने 338 हथियारों के साथ सरेंडर किया था, जिसके बाद 4 सितंबर को कार्बी-आंगलोंग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
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