भूमिहीन किसानों और कृषि मजदूरों को दी बड़ी राहत, पंजाब सरकार ने 590 करोड़ का लोन किया माफ

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों और कृषि मजदूरों के लिए बड़ी घोषणा की है.

Update: 2021-07-14 11:54 GMT

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों और कृषि मजदूरों के लिए बड़ी घोषणा की है. सीएम कैप्टन ने बुधवार को राज्य के भूमिहीन किसानों और कृषि मजदूरों के कर्ज माफ करने की घोषणा की. कोरोना महामारी और डीजल की आसमान छूती कीमतों से परेशान राज्य के किसानों के लिए यह बड़ी राहत की खबर है.

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस फैसले का लाभ राज्य के करीब तीन लाख किसानों और मजदूरों को मिलेगा. इस बारे में जानकारी देते हुए कैप्टन सिंह ने ट्वीट किया, 'यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमने 2.85 लाख कृषि मजदूरों और भूमिहीन किसानों के 590 करोड़ रुपए के कृषि लोन को माफ करने की मंजूरी दे दी है. वित्त एवं सहकारिता विभाग को 20 अगस्त से इसका प्रभावी क्रियान्वयन शुरू करने का निर्देश दिया है.'
राज्य सरकार का कहना है कि इस फैसले से मजदूरों और किसानों का फायदा होगा. एक बयान में कहा गया है कि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) के 2 लाक 85 लहजार 325 सदस्यों को सीधे लाभ होगा. सीएमओ ने कहा है कि 20 अगस्त को राज्य स्तरीय समारोह में कर्ज माफी के चेक जारी किए जाएंगे. बता दें कि 2017 में कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में आने पर कृषि मजदूरों और भूमिहीन किसानों से कर्ज माफी का वादा किया था.

इसी मुद्दे पर मंगलवार को राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को घेरा था. सीएम कैप्टन सिंह के एक पुराने वीडियो को शेयर करते हुए सुखबीर सिंह बादल ने लिखा कि कहीं ऐसा न हो की आप भूल जाएं. इस वीडियो में कैप्टन अमरिंदर सिंह कर्ज माफ करने की बात कर रहे हैं. इसके जवाब में कैप्टन ने सुखबीर सिंह बादल, प्रकाश सिंह बादल और हरसिमरत कौर बादल का एक वीडियो शेयर किया. इसमें तीनों नेता कृषि कानूनों को समर्थन करते हुए नजर आ रहे हैं.
विपक्षी दल द्वारा कर्जमाफी के मुद्दे को उठाने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोन माफ करने का ऐलान कर दिया है. कुछ लोग इसे चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा किसानों को साधने की कोशिश मान रहे हैं. बता दें कि राज्य में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. राज्य की राजनीति में किसान बड़ी भूमिका निभाते हैं. ऐसे में कोई भी दल इन्हें नाराज करने का मोल नहीं लेगा.
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