बड़ा दावा: शिवसेना के मुखपत्र सामना में कही गई ये बात

Update: 2022-09-11 11:13 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: शिवसेना के मुखपत्र सामना ने अपने साप्ताहिक कॉलम में रोकठोक में रविवार को बड़ा दावा किया है. सामना ने लिखा है कि NCP प्रमुख शरद पवार ने 2002 के गुजरात दंगों के एक मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जमानत दिलाने में मदद की थी. सामना के कॉलम के बाद राजनीति गरमा गई है. एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल ने इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया. उन्होंने इन दावों को निराधार तक बताया है.

सामना के साप्ताहिक कॉलम में लिखा है- 'अमित शाह बार-बार महाराष्ट्र के बारे में खराब भाषा का इस्तेमाल करते हैं. ये महाराष्ट्र के लिए उनकी नफरत है. जबकि उन्हें हमेशा महाराष्ट्र और मराठी मानुष के लिए शुक्रगुजार होना चाहिए. जब ​​यूपीए सरकार मोदी और शाह के खिलाफ हथियार बन गई थी, तब पवार और मोदी के बीच बेहतरीन 'कम्युनिकेशन' ही था, जिसकी वजह से शाह को गोधरा के एक मामले में जमानत पर रिहा कर दिया गया था.'
बता दें कि शिवसेना में सप्ताहिक कॉलम रोकठोक को राज्यसभा सांसद संजय राउत लिखते थे. उनके जेल जाने के बाद ये कॉलम 'कड़कनाथ मुंबईकर' के नाम से लिखा जा रहा है. राउत पात्रा चॉल मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी के बाद सेंट्रल जेल में बंद हैं.
सामना ने आगे लिखा- 'यह कोई रहस्योद्घाटन नहीं, बल्कि सच्चाई है. एक और मामले में बालासाहेब ने अमित शाह की मदद के लिए 'सरकार' की तरह काम किया. सिर्फ संजय राउत ही इसके बारे में ज्यादा लिख सकते हैं. शरद पवार और उद्धव ठाकरे इसके बारे में ज्यादा बता सकते हैं. लेकिन, वही अमित शाह आज शरद पवार और उद्धव ठाकरे के खिलाफ एक एक्ट्रीम मिशन चला रहे हैं.'
वहीं, सामना के दावे के बाद सियासत गरमाई तो एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल का बयान सामने आया. प्रफुल्ल पटेल ने सामना के संपादकीय में दावे को खारिज किया. उन्होंने कहा कि 'मैं इस तरह के निराधार आरोपों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. हो सकता है कि यह किसी संपादकीय में आया हो, लेकिन शरद पवार का गोधरा मामले से संबंध कैसे हो सकता है?'
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