बाबा परमानंद रेप केस में दोषमुक्त, हरेई आश्रम के चर्चित बाबा इस केस में फंसे थे!
जानें पूरा मामला।
बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में साल 2016 में थाना देवा के हर्रई गांव में स्थित आश्रम में चर्चित दुराचार के मामले का फैसला सुनाते हुए अपर जिला जज अशोक कुमार यादव ने बाबा परमानंद समेत तीनों आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया. इसी के साथ कोर्ट ने आदेश दिया कि अपने बयान और घटना से मुकरने वाली महिला व उसके पति के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया है.
बाराबंकी में निसंतान महिलाओं को बच्चा पैदा करवाने की गारंटी देकर उनके साथ लाल कपड़े में यौन शोषण करने वाले बाबा परमानंद को अपर जिला जज की कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है. लेकिन दो मामलों के कोर्ट में चलने की वजह से बाबा परमानंद जेल की सलाखों से ही रहना पड़ेगा. साल 2016 में थाना देवा के हर्रई गांव में परमानंद बाबा के आश्रम में निसंतान महिलाओं का यौन शोषण का मामला सामने आने पर देश भर में चर्चा का विषय बन गया था.
रेप के आरोप से बाबा दोषमुक्त
अभियोजन पक्ष के अनुसार एक महिला ने थाने में तहरीर देकर कहा था कि उसके गांव में मां काली दरबार आश्रम का संचालन करने वाले बाद बाबा महिलाओं को पुत्र देने का दावा करते हैं. करीब चाल पहले वो तांत्रिक बाबा से मिली और उन्होंने का कहा कि तुम्हारी 5 बेटियां हैं. कुछ धन खर्च करो तुम्हारे यहां बेटा पैदा होगा. फिर बाबा को 25 हजार रुपये दिए. जब इसने बात नहीं बनी तो बाबा ने कहा कि बड़ी पूजा करनी हो इसके लिए 50 हजार रुपये का खर्च आएगा.
कई धाराओं में दर्ज हुआ था मुकदमा
इसके बाद महिला 18 अप्रैल 2016 को रात 9 बजे बाबा से मिली और कहा कि आपने 75 हजार रुपये ठग लिऐ हैं. लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ बाबा जी. इस पर बाबा ने उसके साथ दुष्कर्म किया और उसके कपड़े फाड़ दिये. साथ ही उसने जान से मारने की धमकी तक दे डाली. कुछ कारण की वजह से पीड़िता ने शिकायत दर्ज नहीं कराई. लेकिन महिला ने 22 मई 2016 को थाने में तहरीर दी. जो अपराध अंक 153/16 पर थाना देवा में भादस की धारा 376 ,511, 307, 419, 420, 423, 504, 506 के तहत तांत्रिक बाबा व संजय के खिलाफ दर्ज हुई.
महिला समेत सभी गवाह मुकरे
इस मामले में सिविल कोर्ट के सरकारी अधिवक्ता सुनीत अवस्थी ने बताया कि चर्चित कांड में बाबा परमानंद केस के गवाह महिला 164 के बयान में न्यायालय के सामने मुकर गई और उसका पति ने इस घटना से अनभिज्ञता जताई है. आरोप था कि बाबा परमानंद ने 75 हजार रुपये लेकर पुत्र प्राप्ति करवाने का दावा किया था. जिसके बाद महिला ने दुराचार समेत कई मामलों में मुकदमा दर्ज करवाया था. लेकिन कोर्ट के सामने महिला समेत सभी गवाह मुकर गए. जिससे बाबा परमानंद और इनके दोनों साथियों को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया.